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कोरोना की तीसरी लहर अगले 6 से 8 हफ्तों में आ सकती हैः AIIMS निदेशक( Photo Credit : न्यूज नेशन)
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Third Wave in India: महाराष्ट्र (Maharashtra) में अनुमानित समय से पहले तीसरी लहर आ सकती है. इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ से गठित की गई एक्सपर्ट्स कमेटी ने दी थी.
कोरोना की तीसरी लहर अगले 6 से 8 हफ्तों में आ सकती हैः AIIMS निदेशक( Photo Credit : न्यूज नेशन)
कोरोना की दूसरी लहर भले ही कम हो गई हो लेकिन तीसरी लहर आने की संभावना ने चिंता बढ़ा दी है. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर अगले 6-8 हफ्तों में दस्तक दे सकती है. इस बात की जानकारी एम्स के प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने दी है. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि तीसरी लहर से बचा नहीं जा सकता है. एक्सपर्ट्स पहले से ही तीसरी लहर की चेतावनी दे रहे थे. ऐसा तब है तब मार्च में कई राज्यों में लगे लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे अनलॉक किया जा रहा है.
एक समाचार चैनल से बातचीत में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अनलॉक शुरू होने के बाद लोगो में कोरोना से बचने के लिए कोविड संबंधी व्यवहार की कमी देखी जा रही है. लोगों के व्यवहार को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर से भी कोई सबक नहीं लिया है. लोगों की भीड़ एक बार फिर जुटने लग गई है. अगर लोगों का व्यवहार यही रहा तो अगले 6 से 8 हफ्तों में तीसरी लहर आ सकती है.
महाराष्ट्र में समय से पहले आ सकती है तीसरी लहर
हाल ही में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महाराष्ट्र में अनुमानित समय से पहले तीसरी लहर आ सकती है. इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ से गठित की गई एक्सपर्ट्स कमेटी ने दी थी. एक्सपर्ट्स ने कहा था कि राज्य के कई हिस्सों में ढील मिलने के बाद भीड़ देखी गई है. ऐसे में मामलों की संख्या 'जल्दी' बढ़ सकती है.
8 लाख तक आ सकते हैं डेली केस
एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी थी कि तीसरी लहर के चरम पर राज्य में आठ लाख एक्टिव केस हो सकते हैं. देश में तीसरी लहर अक्टूबर तक आ सकती है. इस सर्वे में दुनियाभर से 40 एक्सपर्ट्स, डॉक्टर्स, साइंटिस्ट्स, वायरोलॉजिस्ट्स, एपेडेमियोलॉजिस्ट्स और प्रोफेसर से जानकारी हासिल की गई थी. स्टडी में कहा गया था कि तब तक ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाकर लहर को नियंत्रित किया जा सकेगा. साथ ही दूसरी लहर की तुलना में संभावित तीसरी लहर में मामले कम होने की बात कही गई है.
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