केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (केएचसीएए) के अध्यक्ष सैबी जोस किडांगूर जजों को रिश्वत देने के नाम पर अपने मुवक्किलों से बड़ी रकम हड़पने के आरोपों के बाद निशाने पर हैं। अदालत ने उनसे पूछा कि आप को जांच से डर क्यों लगता है? अदालत ने कहा कि आरोपों में सच्चाई सामने आने दें और इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है।
अदालत ने किदंगूर की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि जब जांच चल रही है, तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए।
स्थानीय पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के बाद किदंगूर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय लिया गया।
केएचसीएए अध्यक्ष पर आईपीसी की धारा 420 के तहत आरोप लगाया गया है।
उपरोक्त आरोपों के अलावा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक आरोप भी लगाया गया है, जो लोक सेवकों द्वारा अवैध धन लेने के अपराध से संबंधित है।
केएचसीएए अध्यक्ष के लिए परेशानी तब बढ़ गइर्, जब एक वकील द्वारा एक सोशल मीडिया पोस्ट डाला गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि किदंगूर कुछ मुवक्किलों से न्यायाधीशों को दिए जाने के लिए पैसे ले रहे थे, ताकि एक अनुकूल फैसला प्राप्त किया जा सके।
इन आरोपों के आधार पर उच्च न्यायालय की सतर्कता शाखा ने जांच शुरू की और कुछ सबूत मिले हैं।
इसके बाद केरल पुलिस को एक रिपोर्ट भेजी गई और उनकी प्रारंभिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।
इस सप्ताह की शुरुआत में बार काउंसिल ऑफ केरल ने भी एक विशेष बैठक आयोजित करने के बाद किदंगूर के खिलाफ कदम उठाना शुरू कर दिया था और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्णय लिया गया था।
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Source : IANS