अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) के सांसद ए. अनवर राजा ने गुरुवार को तीन तलाक विधेयक का विरोध किया. उन्होने इसे 'असंवैधानिक', 'प्राकृतिक न्याय' के विरुद्ध और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ पेश होने वाला अब तक का सबसे 'जघन्य' कानून करार दिया। इससे पहले दिन में लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों पर संरक्षण) 2018 विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए सदन के पटल पर रखा गया।
विपक्षी पार्टियों ने विस्तृत विचार-विमर्श के लिए इस प्रस्तावित विधेयक को प्रवर समिति (सलेक्ट कमेटी) के पास भेजे जाने की मांग की।
सदन में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के करीब दिख रहे अन्ना द्रमुक नेता ने कहा कि वह विधेयक का इसके मौजूदा स्वरूप में विरोध करते हैं और विधेयक में सन्निहित पति को तीन साल तक की सजा के प्रावधान पर आपत्ति जताई। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसे चर्चा के लिए प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
विधेयक को 'सहज सौहार्द' पर हमला करने वाला करार देते हुए राजा ने कहा कि जब मुस्लिम महिला व पुरुष दोनों को विवाह के कांट्रैक्ट को समाप्त करने का अधिकार है, तब कैसे एक पक्ष पति को तलाक के लिए सजा दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि विधेयक देश में 'धार्मिक ताने-बाने को बर्बाद' कर देगा और अगर यह विधेयक अपने मौजूदा स्वरूप में पारित हो गया तो मुस्लिम महिला की स्थिति काफी खराब हो जाएगी।
Source : IANS