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पन्नीरसेल्वम-पलानीसामी गुट के विलय के बाद AIADMK में विधायकों की बगावत, दिनाकरन गुट के 19 MLAs ने समर्थन लिया वापस

ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक (एआईएडीएमके) के दोनों धड़ों के विलय के बाद तमिलनाडु में राजनीतिक संकट गहरा गया है।

Updated on: 22 Aug 2017, 08:20 PM

highlights

  • ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक (एआईएडीएमके) के दोनों धड़ों के विलय के बाद तमिलनाडु में राजनीतिक संकट गहरा गया है
  • पार्टी के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी टी टी वी दिनाकरन के 19 समर्थक विधायकों ने पलानीसामी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया है

नई दिल्ली:

ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक (एआईएडीएमके) के दोनों धड़ों के विलय के तत्काल बाद ही तमिलनाडु में राजनीतिक संकट गहरा गया है।

पार्टी के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी टी टी वी दिनाकरन के 19 समर्थक विधायकों ने तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात कर मुख्यमंत्री ई पलानीसामी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया है, जिसके बाद मौजूदा सरकार खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है।

दिनाकरन पार्टी के महासचिव वी के शशिकला के भतीजे हैं, जिन्हें शशिकला ने जेल जाने से पार्टी का डिप्टी जनरल सेक्रेटरी बनाया था। 

पार्टी के एक विधायक थांगा तमिल सेल्वन ने कहा, 'हमारा (दिनाकरन को समर्थन देने वाले 19 विधायक) तमिलनाडु की मौजूदा सरकार में कोई विश्वास नहीं है और हम विधानसभा में शक्ति परीक्षण चाहते हैं। हमने यह बात राज्यपाल को बता दी है।'

राज्य की मौजूदा सरकार के 22 विधायकों की बगावत के बाद विपक्षी नेता और द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराए जाने की मांग रखी है।

स्टालिन ने कहा, 'मेरी जानकारी में 3 और विधायकों ने पार्टी से समर्थन वापस ले लिया है और अब बागी विधायकों की संख्या 22 हो गई है। हम विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराए जाने की मांग करते हैं।'

दिनाकरन के पक्ष में आए 19 विधायकों में से 15 को पुडुचेरी के दो होटल में भेजा जा चुका है। खबरों के मुताबिक 10 और विधायकों के दिनाकरन कैंप में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।

एआईएडीएमके के विलय के बाद पार्टी के कुल विधायकों की संख्या 114 हुई है जो बहुमत से 3 कम है। ऐसे में विधायकों के गुट की बगावत के बाद तमिलनाडु में पलानीसामी के सरकार के लिए संकट गहरा सकता है।

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234 विधानसभा सीटों वाले तमिलनाडु में फिलहाल 233 विधायक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत के बाद उनकी विधानसभा सीट खाली पड़ी हुई है, जिस पर अभी तक चुनाव नहीं हो सका है। 

पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को 134 सीटें मिली थीं और इसके बाद हुए उप-चुनाव में पार्टी को दो और सीटें मिली थी।

जयललिता और विधानसभा स्पीकर को छोड़कर फिलहाल विधानसभा में पार्टी के विधायकों की संख्या 134 है। इसमें 104 विधायक पलानीसामी के पक्ष में हैं जबकि पन्नीरसेल्वम के पक्ष में 10 विधायक हैं। वहीं दिनाकरन के समर्थन वाले विधायकों की संख्या 19 है।

गौरतलब है कि ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के दोनों धड़ों के विलय के फैसले के बाद ओ पन्नीरसेल्वम को तमिलनाडु का डिप्टी सीएम बनाया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद से ही अन्नाद्रमुक दो धड़ों में बंट गई थी। तमिलनाडु के मौजूदा सीएम पलनीस्वामी और पन्नीरसेल्वम दो अलग-अगल धड़ों का नेतृत्व कर रहे थे।

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