logo-image

मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे की आधारशिला रखी, गुवाहाटी, जोरहाट और होल्लोंगी को जोड़ेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईटानगर के समीप होल्लोंगी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए आधारशिला रखी और तेजू में हवाई अड्डे का उद्घाटन किया.

Updated on: 09 Feb 2019, 04:02 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईटानगर के समीप होल्लोंगी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए आधारशिला रखी और तेजू में हवाई अड्डे का उद्घाटन किया. आईजी पार्क में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शायद पहली बार है कि राज्य में किसी हवाई अड्डे का उद्घाटन किया जा रहा है जबकि उसी दिन दूसरे हवाई अड्डे की आधारशिला रखीं जा रही है. लोहित जिले में रिमोट के जरिए तेजू हवाई अड्डे का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हवाई अड्डा गुवाहाटी, जोरहाट और होल्लोंगी को जोड़ेगा.

उन्होंने बताया कि 125 करोड़ रुपये की लागत से बने तेजू हवाई अड्डे का संचालन शुरू होने से क्षेत्र के फल एवं फूल कुछ ही घंटों में देश के किसी भी बाजार में पहुंच सकते हैं. पर्यटन उद्योग को राज्य के लिए धन बनाने वाला क्षेत्र बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे और रेल नेटवर्क के विकास से पर्यटन उद्योग समृद्ध होगा और कई बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

मोदी ने कहा कि तेजू हवाई अड्डे से उड़ान योजना के तहत विमानों का परिचालन शुरू होगा. होल्लोंगी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा ईटानगर के लोगों के लिए काफी मददगार साबित होगा क्योंकि मौजूदा समय में ईटानगर से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा 80 किलोमीटर दूर असम के लीलाबाड़ी में है. होल्लोंगी में हवाई अड्डे से दूरी एक चौथाई तक कम हो जाएगी. क्षेत्र में बेहतर संपर्क मुहैया कराते हुए यह हवाई अड्डा राज्य में पर्यटन की संभावनाओं को भी बढ़ाएगा. 

और पढ़ें: पीएम मोदी की आवाज से गूंज उठा अरुणाचल प्रदेश! जानें आज की रैली की 10 सबसे बड़ी बातें

हवाई अड्डे से क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि बढ़ेगी और यह देश के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण होगा. अधिकारियों ने बताया कि हवाई अड्डे में ग्रीन बेल्ट, वर्षा जल संचय, ऊर्जा कुशल उपकरण के इस्तेमाल जैसी विशेषताएं हैं. उन्होंने बताया कि स्थान के चयन पर विवादों के चलते राज्य में यह महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा परियोजना कई सालों से लंबित था.

अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में कारसिंगसा को ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए चुना गया था लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण ने राज्य सरकार को कोई दूसरा स्थान ढूंढने के लिए कहा था.