बॉलीवुड अभिनेत्री व शिवसेना नेता उर्मिला मातोंडकर ने वार्षिक मेले से दो दिन पहले, गुरुवार की दोपहर में प्रसिद्ध माहिम दरगाह का दौरा किया और इबादत की।
अभिनेत्री, अपने अभिनेता पति मोहसिन अख्तर मीर के साथ 590 साल पुराने मकबरे में पहुंचीं, जहां मुस्लिम संत मखदूम अली माही शफी को दफनाया गया है।
प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान, मानवतावादी और प्रगतिशील विचारों के लिए विख्यात मखदूम बाबा सभी समुदायों द्वारा पूजनीय हैं। वह गुजरात के सुल्तान अहमद शाह के बहनोई थे और सात टापुओं में से एक, माहिम में रहते थे। आधुनिक मुंबई का निर्माण इन्हीं टापुओं को जोड़कर किया गया है।
मखदूम बाबा की दरगाह पर उर्मिला और मीर ने अपने सिर ढककर प्रार्थना की।
माहिम दरगाह के प्रबंध न्यासी सुहैल लोखंडवाला ने आईएएनएस को बताया, यह माहिम दरगाह की उनकी पहली यात्रा थी। उन्हें हमारे स्वयंसेवकों द्वारा ले जाया गया और इस ऐतिहासिक मकबरे के इतिहास और अन्य विवरणों से परिचित कराया गया। बाद में हमने सेलेब जोड़े को सम्मानित किया जैसा कि हम इस जगह आने वाले सभी वीआईपी का किया करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह जोड़ा वार्षिक माहिम दरगाह मेला से दो दिन पहले आया। यह मेला अब अपने 120वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। जनता को सामाजिक सौहार्द का संदेश देने वाला यह मेला शनिवार से शुरू हो रहा है।
उर्मिला ने कहा, मैं आज मखदूम बाबा की दरगाह पर आकर बहुत खुश हूं। मैं इस साल मेले में भी आऊंगी। मैं सभी लोगों से अपील करती हूं कि कृपया कोरोनावायरस से बचाव के लिए टीका लगवाएं। मैं इससे (संक्रमण) से गुजर चुकी हूं, मैं सभी लोगों से टीका लगवाने का बहुत आग्रह करती हूं।
अभिनेत्री ने अपने दौरे की तस्वीरें शेयर करते हुए ट्वीट किया, माहिम दरगाह में मुफ्त कोविड-19 टीकाकरण शिविर चल रहा है, जिसका मैंने दौरा किया। दरगाह जैसे पवित्र स्थान पर शिविर लगाए जाने के विचार से मैं बहुत प्रभावित हुई।
इस्लामिक कैलेंडर में 13वें शव्वाल को मखदूम बाबा का वार्षिक 10-दिवसीय उर्स (पर्व) भारत और विदेशों से यहां आने वाले लाखों भक्तों के साथ मनाया जाता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षो में इस महामारी के कारण समारोहों में कटौती की गई है।
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Source : IANS