सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ सरकार को राहत देते हुए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर की खरीद मामले में कथित अनियमितता बरतने की जांच की मांग के लिए दायर याचिका खारिज कर दी है।
साल 2006-2007 में वीआईपी के लिए इन हेलीकॉप्टरों की खरीद और कथित तौर पर मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे के विदेशी बैंक खातों की जांच के लिए दायर की गई याचिका खारिज कर दी गई है।
न्यायमूर्ति ए.के.गोयल और न्यायमूर्ति यू.यू.ललित की पीठ ने एनजीओ स्वराज अभियान की ओर से दायर याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि इसमें कोई दम नहीं है।
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छत्तीसगढ़ सरकार ने इन आरोपों को राजनीति की भावना से प्रेरित बताते हुए कहा कि राज्य में चुनाव की वजह से सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
इस मामले पर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ये साफ हो गया है कि अगस्ता मामले में जुड़े सभी आरोप राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर लगाए गए थे।'
उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर की खरीदी में पूरी तरह से निष्पक्षता बरती गई थी।
एनजीओ की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि दिसंबर 2006 में राज्य सरकार की ओर से जारी प्रस्ताव में कहा गया था कि हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए खुली बोली प्रक्रिया होनी चाहिए।
बयान में कहा गया था कि हेलीकॉप्टर कंपनियों को आमंत्रित किया जाना चाहिए लेकिन बोली में हिस्सा लेने के लिए किसी भी कंपनी को नहीं बुलाया गया और केवल अगस्ता वेस्टलैंड के लिए ही निविदा जारी की गई।
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Source : News Nation Bureau