उत्तराखंड के कृषि कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को देहरादून के सेलाकुई स्थित ग्रोथ सेंटर में उत्तराखण्ड रेशम फेडरेशन के प्रथम उच्च तकनीकीयुक्त इलैक्ट्रोनिक जैकार्ड पावरलूम इकाई का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मंत्री जोशी ने इलैक्ट्रोनिक जैकार्ड युक्त पावरलूम और रिलिंग यूनिट का निरीक्षण किया और इस उद्योग से जुड़े कार्मिको से विस्तार में जानकारी ली।
मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश में रेशम विभाग के सहयोग से उत्तराखंड को-ऑपरेटिव रेशम फेडरेशन द्वारा उच्च तकनीकीयुक्त इलैक्ट्रानिक जैकार्डयुक्त पावरलूम का शुभारम्भ पर प्रसन्नता व्यक्त की। मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि विगत 5 से 7 वर्षों में रेशम फेडरेशन द्वारा लगभग 1.20 करोड़ के रेशम एवं रेशम मिश्रित वस्त्रों का विक्रय किया गया है। जिसमें इस वित्तीय वर्ष में लगभग 45 लाख रुपये की धनराशि के वस्त्र अब तक तक विक्रय किये गये हैं। इस वर्ष फेडरेशन द्वारा लगभग 50.0 लाख रुपये का विक्रय लक्ष्य निर्धारित किया है। मंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि फेडरेशन अपने प्रयासों से इससे कहीं अधिक 1 करोड़ के लक्ष्य को प्राप्त करेगा। मंत्री ने कहा रेशम फेडरेशन द्वारा विगत समय में लगभग 149 लाभार्थियों को केन्द्रीय रेशम बोर्ड के सहयोग से प्राप्त धनराशि से जैकार्डयुक्त हैण्डलूम वितरित किये गये है।
उन्होंने कहा वर्तमान में लाभार्थियों के प्रशिक्षण कार्य चल रहा है तथा कुछ बुनकरों द्वारा बहुत सुन्दर रेशमी कपड़ों की बुनाई भी की जा रही है। मंत्री जोशी ने कहा आने वाले समय में इन सभी लाभार्थियों को स्वरोजगार उपलब्ध होगा।
मंत्री जोशी ने कहा फेडरेशन द्वारा जिन वस्त्रों का उत्पादन अभी तक हैण्डलूम द्वारा या आउटर्सोस के माध्यम से धागा बाहर भेजकर किया जा रहा है इस पावरलूम की स्थापना से उनका उत्पादन भी अब सेलाकुई में शुरू हो जायेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे तथा स्थानीय निवासियों को रोजगार उपलब्ध होगा। मंत्री जोशी ने कहा कि अभी यहां पर शीघ्र ही एक और पॉवर लूम की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा वर्ष 2025 तक हम रेशम के उत्पादन को दुगना करेंगे इस संकल्प के साथ कार्य किया जा रहा है।
मंत्री जोशी ने कहा राज्य रेशम निदेशालय के तकनीकी सहयोग से प्रदेश भर में उत्पादित किये जा रहे कोया उत्पादन को अब फेडरेशन द्वारा फर्म टू फैशन की पूर्ण श्रंखला पर व्यावसायिक ²ष्टिकोण से आगे ले जाने का संकल्प लिया गया है।
उन्होंने कहा फार्म टू फैशन की अवधारणा पर कार्य करने के पीछे मुख्य उद्देश्य रेशम कीटपालकों को पूर्णत: व्यावसायिक ²ष्टिकोण से जोड़कर उनकी आय वृद्धि के साथ ही राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर रेशम एवं रेशम मिश्रित वस्त्रों की पहचान बनाना है। पावरलूम की स्थापना वस्त्रोत्पादन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
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Source : IANS