नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन 61वें दिन में प्रवेश हो गया है. दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है. इस बीच मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड की तैयारी जोरों पर हैं. किसान ट्रैक्टर रैली को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि किसान 26 जनवरी के बजाए किसी और दिन चुन सकते थे, लेकिन उन्होंने अब घोषणा कर दी है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से जब पूछा गया कि किसानों का आंदोलन कब खत्म होगा तो उन्होंने कहा कि विरोध जल्द खत्म हो जाएगा. तोमर ने आगे कहा कि वे (किसान) गणतंत्र दिवस के बजाए किसी और दिन चुन सकते थे, लेकिन उन्होंने अब ऐलान कर दिया है. बिना किसी दुर्घटना के शांतिपूर्ण ढंग से रैली आयोजित करना किसानों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय है.
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि असहमति जताने पर कोई भी असहमति व्यक्त कर सकता है. जब हमने देखा कि कुछ किसान कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे थे, हमने सोचा था कि हमें बातचीत के माध्यम से एक समाधान खोजना होगा और हमें अभी भी उम्मीद है कि इस मुद्दे को हल किया जाएगा.
वहीं, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने किसान आंदोलन को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है. उन्होंने आगे कहा कि पंजाब, हरियाणा और अन्य जगहों से किसान जो दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं उन्हें मेरा सहयोग रहेगा. जिनकी हांथों में सत्ता है उन्हें इन किसानों की चिंता नहीं है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या इसकी जांच की है? केंद्र की सरकार सिर्फ नौटंकी देख रही है. क्या पंजाब पाकिस्तान है? उसपर निर्णय अबतक क्यूं नहीं.
पवार ने आगे कहा कि मैंने सभी दिग्गज किसान नेताओं को बुलाकर बैठक की थी, हमने काफ़ी मेहनत की थी. मुझे याद है कि गुलाम नबी आजाद भी उस वक्त मौजूद थे. सरकार ने तीनों कानून पर तुरंत निर्णय दे दिया. यह निर्णय बिना चर्चा सत्र के मंजूर कर दिया. दरअसल, सिलेक्ट कमेटी को और यह कानून भेजना चाहिए, वहां सभी पार्टी के लोग मौजूद होते हैं.
Source : News Nation Bureau