शरद पवार को कृषि सुधार मुद्दों के समाधान की अच्छी जानकारी : नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 67वें दिन में प्रवेश कर गया है. दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर किसान धरने दिए बैठे हैं.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 67वें दिन में प्रवेश कर गया है. दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर किसान धरने दिए बैठे हैं. किसान इन तीनों कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े हैं तो सरकार भी इन कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है. खुद प्रधानमंत्री मोदी भी इसको लेकर स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं. हालांकि सरकार किसानों की कुछ मांगों को मानते हुए कानूनों में संशोधन की बात कह रही है. किसान आंदोलन को लेकर राजनीति दलों द्वारा सियासी रोटियां भी खूब सेकी जा रही हैं.
किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों ने मुझसे कहा कि वे शांति और अहिंसा के रास्ते पर चलकर सरकार से बातचीत करना चाहते हैं. केंद्र सरकार खुले मन से बातचीत के द्वार खोले. किसानों की मांगों को माने और इस गतिरोध को तुरंत समाप्त करे.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसानों और उनके नेताओं द्वारा जिस तरह का आंदोलन चलाया गया है उसकी ज़रुरत नहीं थी. लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने की स्वतंत्रता होती है. प्रधानमंत्री ने खुद बातचीत की पेशकश की है. मुझे लगता है समाधान निकल जाएगा.
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन को बातचीत करके जितनी जल्दी समाप्त करें, यह उतना ही देश हित में होगा. सरकार से प्रार्थना है कि इसे हल करने की कोशिश करें. आंदोलन इस मामले में सफल हो गया है कि देश को किसानों के मुद्दे मालूम हो गए हैं. दोनों तरफ के लोग बात करें और हल करें.
26 जनवरी हिंसा मामले में जांच के लिए FSL की टीम ITO के पास दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर पहुंची है. टीम आंध्रा एजुकेशन सोसाइटी के ठीक सामने उस जगह पर पड़ताल कर रही है, जहां ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हुई थी. फोरेंसिक टीम के साथ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम भी है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे जो लोग जेल में बंद हैं वो रिहा हो जाएं फिर बातचीत होगी. प्रधानमंत्री ने पहल की है और सरकार और हमारे बीच की एक कड़ी बने हैं। किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा और देश के प्रधानमंत्री का भी.
दिल्ली के बाद अब हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर आंदोलन को लेकर तनाव बढ़ गया है. यहां किसान और स्थानीय लोग आमने सामने आ गए हैं.
26 जनवरी की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने पलटवार किया है. टिकैत ने कहा कि सभी तिरंगे से प्यार करते हैं, जिसने तिरंगे का अपमान किया है, उसे पकड़ा जाए.
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मंजीत राय ने कहा कि हम पहले से कह रहे हैं बात करने से हम भागे नहीं, सरकार साफ दिल से बुलाये हम जाएंगे. ये चुनी हुई सरकार है. सरकार को पहल करनी पड़ेगी. सरकार को देखना है कि किसान को खुश करके भेजना है या दुखी करके भेजना है. संयुक्त किसान मोर्चा बैठक कर आगे की रणनीति तय करेगा.
मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जनवरी की घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि तिरंगे के अपमान से देश दुखी हुआ है.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा है. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो 40 लाख ट्रैक्टर आएंगे.
किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शांतिपूर्ण समझौते की उम्मीद जताई है. जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात किसानों को लेकर कहीं हैं, वो सकारात्मक हैं और हल निकलेगा.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है.
Delhi: Security deployment continues at Singhu border as farmers' protest against three agriculture laws enters 67th day; latest visuals from near the protest site. pic.twitter.com/tEUzhpjwjS
— ANI (@ANI) January 31, 2021
किसान तीनों कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से निरस्त करना चाहते हैं. साथ ही सभी फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी चाहते हैं.
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