गाजीपुर बॉर्डर पर लगाई गई धारा 144, प्रदर्शनकारियों को ले जाने के लिए बसें तैनात
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 64वें दिन में प्रवेश कर गया है. लेकिन मंगलवार को दिल्ली में हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ने लगा है.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 64वें दिन में प्रवेश कर गया है. लेकिन मंगलवार को दिल्ली में हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ने लगा है. जो किसान संगठनों ने अपना धरना खत्म कर दिया है और वापस लौट गए हैं. तो उधर, हिंसा को लेकर किसान नेताओं पर एक्शन लिया जा रहा है. दिल्ली पुलिस ने 19 दंगाईयों को गिरफ्तार किया है, जबकि कई लोगों को हिरासत में लिया है. किसान नेताओं पर भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इस बीच किसान नेताओं के भड़काऊ भाषण भी सामने आ रहे हैं. वहीं दिल्ली में किसानों की अराजकता के बाद सियासत भी जमकर हो रही है.
गाजीपुर बॉर्डर को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है. ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को गाजीपुर से ना जाने की सलाह दी है. ट्रैफिक को रोड न.56, अक्षरधाम और निजामुद्दीन के लिए डायवर्ट कर दिया गया है. ट्रैफिक पुलिस ने NH-9, NH-24 से बचने की सलाह दी है.
गाजीपुर बॉर्डर पर बीते दो महीने से जारी किसानों के आंदोलन पर कार्रवाई की तैयारी है. भारी संख्या में यहां पर पुलिसबल की तैनाती है. गाजीपुर बॉर्डर पर धारा 144 लगा दी गई है. प्रदर्शनकारियों को ले जाने के लिए बसें लाई गईं हैं. RAF की तैनाती है. वज्र वाहन भी लाए गए हैं.
टिकरी बार्डर पर इस वक़्त दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेज की बड़ी तादाद मौजूद है. BSF, CRP, CRPF, ITBP, RAF, SSB के जवान तैनात है.
यूपी गेट धरना स्थल खाली करने के लिए किसानों को जिला प्रशासन ने दिया अल्टीमेटम. आज ही खाली हो सकता है धरना स्थल. जिला प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी गण मौके पर मौजूद. यूपी गेट पर धरना स्थल को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा किसानों को अल्टीमेटम दे दिया गया है. आज रात तक धरना स्थल हो सकता है खाली. जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर उपस्थित धरना स्थल को खाली कराने की जिला प्रशासन के द्वारा की गई है पूर्ण तैयारी.
यूपी सरकार ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए किसान आंदोलन को लेकर डीएम और एसपी को लेकर इस पर कोई भी फैसला लेने के लिए अधिकृत किया है-सूत्र. यूपी दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन के विरोध में ग़ाज़ियाबाद के लोकल लोग पहुंचे. किसानों के विरोध में लगाए नारे.
अब सिंघु बॉर्डर किसानों के विरोध में प्रदर्शन , सिंघु के आस पास के लोगों का कहना है तिरंगा का अपमान नहीं सहेंगे.
शाहजंहापुर बॉर्डर पर तनाव के हालात. 15 गावों के ग्रामीण ओर आंदोलनकारियों के बीच टकराव के हालात
हाइवे खोलने की कर रहे हैं मांग.
पुलिस सूत्रों के अनुसार 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली के के दौरान फैलाई गई अराजकता के चलते दर्ज की गई 25 एफआईआर में से 9 मामलों को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किया जा रहा है. साथ ही क्राइम ब्रांच की एक एसआईटी गठित करने को कहा है, जो इन 9 मामलों की जांच करेगी.
दीप सिद्धू को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि कोई वहां जाता है और झंडा फहराता है, कोई फायरिंग क्यों नहीं की गई? पुलिस कहां थी? वह वहां कैसे गया? पुलिस ने उसे छोड़ने की अनुमति दी और उसे गिरफ्तार नहीं किया. अभी भी कुछ नहीं किया गया है. वह व्यक्ति कौन था, जिसने एक पूरे किसान समुदाय और संगठनों को बदनाम किया.
Someone goes there & hoists a flag, why was no firing done? Where was Police? How did he go there? Police allowed him to leave & didn't arrest him. Nothing has been done even now. Who was the person who maligned an entire community & org?: BKU spox Rakesh Tikait on Deep Sidhu pic.twitter.com/V5JGsExjTX
— ANI (@ANI) January 28, 2021
26 जनवरी की घटना के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर की खुफिया अफसरों के साथ हाईलेवल मीटिंग चल रही है.
सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटने लगा है. लोगों ने सड़कों को बंद करके बैठे किसानों के खिलाफ प्रदर्शन किया.
#WATCH | Delhi: Group of people claiming to be locals gather at Singhu border demanding that the area be vacated.
Farmers have been camping at the site as part of their protest against #FarmLaws. pic.twitter.com/7jCjY0ME9Z
— ANI (@ANI) January 28, 2021
गणतंत्र दिवस पर राजधानी में हिंसा और लाल किले की घटना के संबंध में एक प्राथमिकी में पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू और गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना का नाम दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया है.
अमित शाह ने तीर्थ राम शाह अस्पताल में भी घायल जवानों का हालचाल जाना है.
Delhi: Union Home Minister Amit Shah meets injured Police personnel at Tirath Ram Shah Hospital. These Police personnel were injured in the violence during the farmers' tractor rally on January 26th. pic.twitter.com/VtDg7m3iFz
— ANI (@ANI) January 28, 2021
किसान आंदोलन के समर्थन में आम आदमी पार्टी कल राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी. आम आदमी पार्टी पहले से कृषि कानूनों के विरोध में है. कल से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है.
गाजीपुर बॉर्डर से अब किसानों के टेंट हटने लगे हैं. दिल्ली में हिंसा के बाद प्रदर्शनकारियों की संख्या में कमी आई है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिविल लाइन्स हॉस्पिटल पहुंचकर हिंसा में घायल हुए जवानों का हालचाल जाना.
Delhi: Union Home Minister Amit Shah meets Police personnel - injured in the violence during farmers' tractor rally on January 26th - at Sushruta Trauma Centre, Civil Lines. pic.twitter.com/6AL9ENuM09
— ANI (@ANI) January 28, 2021
दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी की हिंसा को लेकर किसान नेताओं को लुकआउट नोटिस जारी किया है और साथ ही आर्म्स एक्ट भी लगाया है.
दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर किसान नेता युद्धवीर सिंह ने माफी मांगी है. उन्होंने कहा है कि वह इस हिंसा के लिए शर्मिंदा हैं. किसान नेता ने कहा कि वह इसे लेकर 30 जनवरी को उपवास रखेंगे.
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर आज किसानों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया है.
Delhi: Farmers continue their protest against the #FarmLaws at Tikri border. pic.twitter.com/Jjoz9xYWUa
— ANI (@ANI) January 28, 2021
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज उत्तरी दिल्ली के उन दो अस्पतालों का दौरा करेंगे, जहां 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिस कर्मियों को भर्ती कराया गया है.
Union Home Minister Amit Shah (file photo) to visit two hospitals where police personnel injured in the violence during farmers' tractor rally on January 26 have been admitted in north Delhi. pic.twitter.com/dR1m1ZskBq
— ANI (@ANI) January 28, 2021
दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के संबंध में पुलिस के साथ समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस राजेवाल सहित कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किए हैं. उन्हें 3 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है.
Delhi Police issued notices to at least 20 farmer leaders including Yogendra Yadav, Baldev Singh Sirsa, Balbir S Rajewal for breaching the agreement with police regarding the tractor rally. They have been asked to reply within 3 days: Delhi Police
— ANI (@ANI) January 28, 2021
दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस मोबाइल वीडियो बतौर सबूत इकट्ठा करेगी. जल्द ही पुलिस ज्यादा से ज्यादा मोबाइल वीडियो एक नंबर देकर उसमें भेजने के लिए अपील करेगी. वहीं हमला करने वाले उपद्रवियों के फोटो को पोस्टर के जरिये निकालकर चस्पा किया जाएगा, ताकि उनकी धरपकड़ तेज हो सके. दिल्ली पुलिस की कई यूनिट इन उपद्रवियों तक पहुंचने के लिए हर वो सबूतों और सीसीटीवी को इकट्ठा कर रही हैं.
26 जनवरी को जिस तरह से घटना घटी, उसके बाद पुलिस एक्टिव मोड में नजर आ रही है. पुलिस की संख्या टिकरी बॉर्डर पर बढ़ाई गई है. टिकरी बॉर्डर के कई इलाकों को छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
किसानों के बीच आधी रात को भी गहमा गहमी दिखाई पड़ी. रात में किसानों के बीच की बिजली भी काट दी गई. गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों एक तरफ पहरा दिया तो दूसरी तरफ गाजियाबाद के कौशांबी थाने में भी अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग हुई.
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हंगामा, पुलिसकर्मियों के साथ झड़प, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने और लालकिले पर धार्मिक झंडा फहराए जाने के अगले दिन आम आदमी पार्टी (आप) ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए इसके लिए केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया.
दिल्ली में किसानों के बवाल के बाद दो किसान संगठन धरना खत्म करके लौट गए हैं. वीएम सिंह और भानु प्रताप सिंह के किसान संगठनों ने मैदान छोड़ दिया है.
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