26 जनवरी को किसान करेंगे ट्रैक्टर परेड, जगह किया फाइनल
दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन को 53वां दिन है. कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे के बीच किसान बैठे हुए हैं.
नई दिल्ली:
दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन को 53वां दिन है. कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे के बीच किसान बैठे हुए हैं.
15 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच हुई वार्ता भी बेनतीजा निकली. अब अगली तारीख 19 जनवरी है, जब किसानों और सरकार के बीच एक बार फिर से वार्ता होनी है. जिसके बाद ही ये तय होगा कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन को तेज करेंगे या फिर आंदोलन खत्म होगा. किसान इस बार आर पार लड़ाई के लिए तैयार हैं तो वहीं सरकार भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रही है.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि सयुंक्त किसान मोर्चा ने भारतीय किसान यूनियन (हरियाणा) के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को सस्पेंड किया गया. सयुक्त किसान मोर्चा के सामने चढूनी को पक्ष रखना होगा. सयुक्त किसान मोर्चा की मुख्य 7 सदस्यीय कमेटी और 19 तारीख को सरकार से होने वाली कमेटी से अभी उन्हें बाहर रखा जाएगा. चढूनी पर राजनीतिक पार्टियों से मुलाकात का आरोप. गु
किसान गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर करेंगे ट्रैक्टर परेड करेंगे. आधिकारिक गणतंत्र दिवस समारोह में कोई व्यवधान नहीं होगा: योगेंद्र यादव, स्वराज इंडिया
कृषि मंत्री द्वारा की गई कानून के क्लॉज पर चर्चा की अपील पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने क्लॉज पर चर्चा वो करेगा जिसे कानून में संशोधन कराना हो, ये हमारा सवाल है ही नहीं. सरकार को ये तीनों कानून खत्म करने पड़ेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कानूनों को लागू नहीं किया जा सकता है. अब हम उम्मीद करते हैं कि किसान 19 जनवरी को कानून के खंड-वार पर चर्चा करेंगे और सरकार को बताएंगे कि वे कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या चाहते हैं: केंद्रीय मंत्री
Most of the farmers & experts are in favour of farm laws. After Supreme Court's order, the laws can't be implemented. Now we expect that farmers discuss the laws clause-wise on Jan 19 & tell govt what they want other than the repeal of the laws: Union Agriculture Minister https://t.co/UJyXhnIkQB
— ANI (@ANI) January 17, 2021
किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं है, उनकी लगातार ये कोशिश है कि कानूनों को रद्द किया जाए. भारत सरकार जब कोई कानून बनाती है तो वो पूरे देश के लिए होता है, इन कानूनों से देश के अधिकांश किसान, विद्वान, वैज्ञानिक, कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग सहमत हैं- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं है, उनकी लगातार ये कोशिश है कि कानूनों को रद्द किया जाए। भारत सरकार जब कोई कानून बनाती है तो वो पूरे देश के लिए होता है, इन कानूनों से देश के अधिकांश किसान, विद्वान, वैज्ञानिक, कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग सहमत हैं: कृषि मंत्री https://t.co/0uhc4nZYxZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 17, 2021
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार ने किसान यूनियन के साथ एक बार नहीं 9 बार घंटों तक वार्ता की, हमने लगातार किसान यूनियन से आग्रह किया कि वो कानून के क्लॉज पर चर्चा करें और जहां आपत्ति है वो बताएं. सरकार उस पर विचार और संशोधन करने के लिए तैयार है.
We had sent a proposal to farmer unions in which we agreed to address their apprehensions regarding mandis, traders' registration &others. Govt also agreed to discuss laws on stubble burning & electricity but unions only want repeal of the laws:Union Agriculture Minister NS Tomar pic.twitter.com/9lnaI7nTzE
— ANI (@ANI) January 17, 2021
भारतीय किसान संघ के तेवर तल्ख होते जा रहे हैं. अब किसान संघ ने कहा है कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नया कानून बनाएं. किसान संगठन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बने कमेटी के आगे किसान संघ अपनी मांग रखेगा.
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन लगातार जारी है. 26 जनवरी के मद्देनजर किसानों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. वहीं एनआईए द्वारा दिए गए नोटिस को लेकर किसान सिंघु बॉर्डर पर विरोध कर रहे हैं.
यह कहा जा रहा है कि किसान लाल किले तिरंगा फहराएंगे. ट्रैक्टरों और टैंक (26 जनवरी को) एक साथ चलेंगे. मोर्चा द्वारा इस तरह के किसी कार्यक्रम को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. ऐसे बयान किसानों के हित में नहीं हैं- मंदीप नथवान
It's being said that farmers would unfurl tricolour at Red Fort & tractors and tanks would roll together (on January 26). No such programme has been finalised by the Morcha. Such statements are not in interests of farmers: Mandip Nathwan, Convener, Kisan Sangharsh Samiti, Haryana https://t.co/LsalCdstuE
— ANI (@ANI) January 17, 2021
26 जनवरी को बड़ी संख्या में किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना हक लेने के लिए दिल्ली आ रहा है. सरकार को भ्रम है कि हम इस आंदोलन को तोड़ देंगे लेकिन हम ये आंदोलन टूटने नहीं देंगे. 18 जनवरी को हम महिला किसान दिवस के रूप में मनाएंगे- मंदीप नथवान
पंजाब: गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के लिए लुधियाना में तैयारियां चल रही हैं. ट्रैक्टर मार्च में हिस्सा ले रहे एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि 24 जनवरी से पहले हमने एक लाख ट्रैक्टर पहुंचाने की ज़िम्मेदारी ली है, सब एकजुट होकर काम कर रहे हैं.
हरियाणा किसान संघर्ष समिति के नेता मंदीप नथवान ने कहा कि पूरी दुनिया की नजर 26 जनवरी के कार्यक्रम पर है. कुछ लोग सरकार की शह पर इस आंदोलन को उग्र करना चाहते हैं, हमारा ये आंदोलन नीतियों के खिलाफ है ना कि दिल्ली के खिलाफ. ऐसा प्रचार किया जा रहा है जैसे दिल्ली के साथ कोई युद्ध होने जा रहा हो.
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनन मुल्ला ने कहा कि लगभग दो महीनों से हम ठंड के मौसम में मर रहे हैं. सरकार हमें 'तारीख पे तारीख' और चीजों को खींच रही है, ताकि हम थक जाएं और जगह छोड़ दें. यह उनकी साजिश है.
For almost two months, we are suffering and dying in cold weather. The government is giving us 'tarikh pe tarikh' and are dragging things so that we get tired and leave the place. This is their conspiracy: Hannan Mollah, General Secretary, All India Kisan Sabha #FarmLaws pic.twitter.com/NU88y5EOaV
— ANI (@ANI) January 17, 2021
आंदोलन से जुड़े 20 किसान नेताओं समेत करीब सौ लोगों को एनआईए ने फंडिंग से लेकर अन्य लिंक को लेकर पूछताछ के लिए समन भेजा है, इनमें किसान नेताओं के अलावा धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रमुखों के साथ कलाकार, ट्रांसपोर्टर, आढ़तिए, पेट्रोल पंप संचालक, जत्थेदार व कई संदेह के दायरे वाले शामिल हैं.
कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन 23 जनवरी को राजभवन का घेराव करेगी. किसान संगठन किसी भी कीमत में कृषि कानून को मानने को तैयार नहीं हैं.
किसान संगठनों के नेताओं को मिल रहे एनआईए के नोटिस की सयुंक्त किसान मोर्चा ने निंदा की है और कहा है कि आगामी दिनों में इन नोटिसों की प्रतिक्रिया स्वरूप कानूनी कार्यवाही भी जाएगी.
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के समक्ष पेश नहीं हो पाएंगे. किसान नेता ने कहा है कि उनकी पोती की शादी है और इसी सिलसिले में वह सात फरवरी तक पारिवारिक कार्यों में व्यस्त रहेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें शॉर्ट नोटिस पर व्हाट्सएप पर नोटिस मिला है. सिरसा ने स्पष्ट किया कि एजेंसी की ओर से उन्हें तलब किए जाने से संबंधित कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है.
केंद्र सरकार की 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन आज 53वें दिन में प्रवेश कर गया है. दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर हजारों किसान कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.