सरकार से 9 बार मिले किसान यूनियन, फिर भी मिला नहीं मन
कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन आज 52वें दिन में प्रवेश कर गया है. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं.
नई दिल्ली:
कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन आज 52वें दिन में प्रवेश कर गया है. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानून को निरस्त करने की किसानों की मांग पर गतिरोध जारी है. इस मसले पर शुक्रवार को यूनियनों और सरकार के बीच हुई 9वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े तो सरकार इन कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं हैं. ऐसे में दोनों पक्षों के बीच डेड लॉक की स्थिति बनी हुई है. अब अगले दौर की वार्ता के लिए 19 जनवरी की तारीख तय हुई है.
हरियाणा के कैथल में कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम के दौरान किसानों ने बीजेपी विधायक का विरोध किया. वैक्सीनेशन सेंटर से स्वास्थ्यकर्मियों को भी भगा दिया.
कृषि सुधार पर तकरार के बीच आंदोलन की राह पकड़े किसानों की अगुवाई करने वाले यूनियन और सरकार से नौ बार मिल चुके हैं, फिर भी मन नहीं मिला है.
सुप्रीम कोर्ट तीनों कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली और दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डेरा डाले किसानों को हटाने संबंधी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई कर सकता है.
किसानों के प्रतिनिधियों का कहना है कि नए कृषि कानूनों पर उनकी शिकायतों के निवारण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति उन्हें स्वीकार्य नहीं है. हालांकि वे सरकार के साथ परस्पर वार्तालाप जारी रखेंगे.
हजारों किसान दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर डेरा डाले बैठे हैं. कड़ाके की ठंड के बीच किसानों का आंदोलन चल रहा है. आंदोलन के दौरान अब तक करीब 60 किसानों ने अपनी जान भी गवां दी है.
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