किसानों का मसला पर अब 'चुनावी' है, सरकार पर 'दबाव' जारी है (Photo Credit: फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
किसान आंदोलन (Kisan Andolan) : केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 91वें दिन में प्रवेश कर गया है. कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान धरना दे रहे हैं. अब पूरा आंदोलन राजनीति के चंगुल में फंसता दिख आ रहा है. विपक्ष किसानों के मसले पर वोट साधने की कोशिश में लगा है. विपक्षी पार्टियां किसानों के नाम पर वोट के लिए पंचायतें कर रही हैं तो किसान नेता भी अब देशभर में घूम घूमकर जनसभाएं कर रहे हैं. अब किसानों के मुख से कृषि कानूनों की खिलाफत कम, जबकि सरकार विरोधी ज्यादा बातें निकल रही हैं. हालांकि इस सब के बीच सरकार भी अपनी बात पर अड़ गई है. वो कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है.
कई बार चर्चाएं हो चुकी हैं, अगर उनके पास अब भी कोई मुद्दा है, तो हम चर्चा के लिए तैयार हैं- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार किसान और कृषि दोनों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है. गत 6 वर्षों में PM के नेतृत्व में अनेक योजनाओं का सृजन हुआ है, इनका लाभ खेती क्षेत्रों को मिलने लगा है. आने वाले दिनों में किसानों की हालत सुधरेगी और हमारे GDP में खेती का बड़ा योगदान होगा.
200 करोड़ की लागत से विभिन्न जिलों में मेगा फूड पार्क बनेंगे. 1000 किसान सेवा केंद्रों का निर्माण किया जाएगा. कृषि पर्यवेक्षकों के 1000 नए पद सृजित होंगे. नई कृषि विद्युत वितरण कंपनी बनाई जाएगी. कृषि उपज मंडियों में 1000 करोड़ के कार्य होंगे- अशोक गहलोत
राज्य का बजट पेश करने के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगले साल से कृषि बजट अलग से पेश किया जाएगा. किसानों को 16,000 करोड़ के ब्याज मुक्त फसली ऋण दिए जाएंगे. मत्स्य पालकों और पशुपालकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना लागू की जाएगी.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार शोध केंद्रों की बात नहीं मानती है, इसलिए आने वाले समय में संसद के पास पार्क में कृषि अनुसंधान केंद्र बनाना पड़ेगा. संसदीय समिति बनाएं और वहां कुछ फसलों की खेती करवाएं. जो लाभ-हानि हो समिति देखे और उस आधार पर फसलों के दाम तय करें.
अन्नदाताओं के जीवन को आसान बनाने और उनकी आय दोगुनी करने का जो संकल्प देश ने लिया है, उसमें पीएम किसान निधि की महत्वपूर्ण भूमिका है. आज हमारे किसान आत्मनिर्भर भारत अभियान के भी अभिन्न अंग बन रहे हैं- पीएम मोदी
पीएम किसान निधि के दो साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम किसानों की आय दोगुना करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं.
Our Government had the honour of ushering a historic increase in MSP. We doing everything possible to double the income of farmers.
You can find insightful content on the NaMo App, offering a glimpse of the work done for farmers. #KisanKaSammanPMKisan pic.twitter.com/pHxqY3NBPq
— Narendra Modi (@narendramodi) February 24, 2021
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हमारा अगला आह्वान संसद मार्च के लिए होगा. अगर कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे तो इस बार 4 लाख ट्रैक्टर नहीं बल्कि 40 लाख ट्रैक्टर वहां जाएंगे.
राहुल गांधी ने कहा है, 'हम भारत की कृषि सिस्टम को खत्म करेंगे. जैसे किसान जमीन पर खेती करते हैं वैसे आप समुद्र में करते हैं. किसान के लिए दिल्ली में मंत्रालय है, लेकिन आपके लिए मंत्रालय नहीं है. आपके लिए दिल्ली में कोई नहीं बोलेगा इसलिए मैं दिल्ली में मछुआरों के लिए मंत्रालय समर्पित करूंगा.'
पश्चिम यूपी के बाद अवध-पूर्वांचल में भी किसान महापंचायतें होंगी. भारतीय किसान यूनियन ने आज बाराबंकी और 25 फरवरी को बस्ती में महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया है.
किसान नेता राकेश टिकैत आज आगरा में किसान महापंचायत करेंगे.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि अगर यही सरकार रही तो हमारी जमीन भी हमारे पास नहीं रहेगी. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को अपने सलाहकार के बजाय किसानों से राय लेनी चाहिए.
किसानों के आंदोलन के बीच दिल्ली की सीमाओं पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स भी तैनात है.