किसान आंदोलन: फसलों को जलाने की धमकी पर राकेश टिकैत ने दी सफाई

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 88वें दिन में प्रवेश कर गया है. कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान धरना दे रहे हैं.

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 88वें दिन में प्रवेश कर गया है. कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान धरना दे रहे हैं.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
farmer protest

2 अक्टूबर तक आंदोलन पर किसान नेताओं में नहीं एक राय( Photo Credit : फाइल फोटो)

किसान आंदोलन (Kisan Andolan) : केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 88वें दिन में प्रवेश कर गया है. कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान धरना दे रहे हैं. लेकिन अब पूरा आंदोलन राजनीति के चंगुल में फंसता दिख आ रहा है तो किसानों का मंच टिकरी-सिंघु बॉर्डर से गाजीपुर बॉर्डर शिफ्ट होता नजर आ रहा है. अब तक किसानों के कार्यक्रम का ऐलान सिंघु बॉर्डर के मंच से किया जाता रहा है, लेकिन 26 जनवरी की घटना के बाद गाजीपुर मंच से फैसले लिए जा रहे हैं. जिसको लेकर अब किसान नेताओं में फूट पड़ती जा रही है. गुरनाम सिंह चढ़ूनी और राकेश टिकैत आमने सामने हैं.

Advertisment

Source : dalchand

kisan-andolan agriculture-law farmer-protest पीएम नरेंद्र मोदी किसान आंदोलन कृषि कानून
      
Advertisment