आंदोलन तेज करने की मुहिम में जुटे किसान यूनियन
कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर किसान अड़े हैं तो सरकार भी कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है. इस बीच किसानों ने आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है.
नई दिल्ली:
दिल्ली की सीमाओं पर चले रहे किसान आंदोलन का गुरुवार को 78वां दिन है. इन कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर किसान अड़े हैं तो सरकार भी कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है. इस बीच किसानों ने आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 फरवरी को देशभर में 'रेल रोको' अभियान की घोषणा की है. देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर करीब ढाई महीने से डेरा डाले किसानों के आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संगठनों ने संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बुधवार को हुई बैठक में चार कार्यक्रम करने का फैसला लिया.
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मंजीत राय ने कहा कि सरकार बातचीत का माहौल बनाए. अभी सरकार जिद्द पर अड़ी है. उन्होंने कहा कि कहने और करने में फर्क होता है. हमारे बच्चे जो लाल किले नहीं गए, उनको पकड़ लिया. ऐसे में कैसे बात बनेगी.
आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान नेता अपनी मुहिम तेज करने में जुट गए हैं. किसान यूनियन एक बार फिर रेल रोको अभियान से सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर अब बच्चों को पढ़ाने का कार्य भी शुरू हो चुका है. टीचर का कहना है कि आसपास के स्लम एरिया से बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. बच्चों की संख्या तकरीबन 90 तक पहुंच चुकी है.
देश की संसद ने तीन कृषि कानून पारित किए हैं. इन कानूनों को देश के किसानों की फसल का सही मूल्य दिलाने और अपनी उपज को कहीं भी बेचने की आजादी देने के लिए किया गया. इन कृषि कानूनों को लेकर निहित स्वार्थों के चलते देश में भ्रम का वातावरण पैदा किया गया है- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
किसानों के मसले पर राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं खुद एक किसान हूं और किसानों की कठिनाइयों को भी अच्छी तरह समझता हूं. मेरा खुद यह मानना है कि देश में बदलाव की बयार कोई बहा सकता है, तो वह हमारे 'श्रम के प्रतीक' किसान ही हैं. इसलिए हमारे किसान भाइयों का सशक्तीकरण, उनकी आत्मनिर्भरता और खुशहाली हमारे देश की खुशहाली है.
बीते दिनों खुद प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को बैठक और संशोधन का प्रस्ताव दोहराया है. ऐसे में अब किसानों की स्थिति असमंजस की नजर आ रही है.
केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले साल 26 नवंबर से आंदोलनरत हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा के बयान के अनुसार, 16 फरवरी को किसानों के मसीहा सर छोटूराम की जयंती के दिन देशभर में किसान एकजुटता दिखाएंगे.
14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों के बलिदान को याद करते हुए देशभर में कैंडल मार्च व मशाल जुलूस व अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने 12 फरवरी से लेकर 18 फरवरी तक के लिए चार कार्यक्रमों का ऐलान किया है. कार्यक्रम के अनुसार, 12 फरवरी से राजस्थान के भी सभी रोड टोल प्लाजा को टोल मुक्त करवाया जाएगा.
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