बिजली उत्पादक कंपनी दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) और झारखंड सरकार के बीच पिछले दो साल से जारी गतिरोध को दूर करने पर दोनों पक्ष सहमत हो गये हैं। शुक्रवार को राज्य सरकार और डीवीसी के बीच हाई लेवल मीटिंग के बाद तय हुआ कि राज्य के सात जिलों में की जा रही बिजली कटौती वापस ले ली जायेगी। झारखंड सरकार पर 2100 करोड़ रुपये के बकाये का दावा करते हुए डीवीसी इन जिलों में बीते 6 नवंबर से पचास फीसदी बिजली की कटौती कर रहा था।
बकाया भुगतान का यह मसला पिछले कई सालों से चला आ रहा है और इसे लेकर डीवीसी रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद और बोकारो जिले में हर तीन-चार महीने के अंतराल पर बिजली कटौती करता रहा है। इस मसले पर शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित झारखंड मंत्रालय में हुई बैठक में तय हुआ कि बकाया के मसले पर आगामी सोमवार से निगम और राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के फाइनांस ऑफिसर्स बकाये का हिसाब-किताब करेंगे। डीवीसी ने जहां झारखंड सरकार पर 2100 करोड़ का बकाया होने की बात कही, वहीं राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि बिजली के मद में लगभग 1200 करोड़ का बकाया है, लेकिन दूसरी तरफ डीवीसी पर भी पानी, परिवहान, पर्यावरण सेस एवं कुछ अन्य मदों में राज्य सरकार के सैकड़ों करोड़ बकाया हैं। सरकार की ओर से भी आश्वस्त किया गया कि डीवीसी के साथ बकाये का मसला साफ होने के बाद जो भी देनदारी होगी, उसका भुगतान किया जायेगा।
बैठक में राज्य सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो एवं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, ऊर्जा विभाग के अधिकारी और डीवीसी की ओर से चेयरमैन आरके सिंह एवं निगम के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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Source : IANS