logo-image

Agni-3 अंधेरे में भी तबाह कर सकेगी पाकिस्तान को, हुआ रात में परीक्षण

ओडिशा तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज से देर शाम 7 बजकर 20 मिनट पर मिसाइल का परीक्षण हुआ.

Updated on: 01 Dec 2019, 09:24 AM

highlights

  • अग्नि-3 मिसाइल की मारक क्षमता 3,500 किलोमीटर है.
  • पहली बार रात के अंधेरे में किया गया बालासोर से परीक्षण.
  • नाभिकीय हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-2 का पहले हो चुका है परीक्षण.

New Delhi:

परमाणु क्षमता से लैस सतह से सतह तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का शनिवार को पहली बार रात में परीक्षण किया गया. रक्षा सूत्रों ने बताया कि ओडिशा तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज से देर शाम 7 बजकर 20 मिनट पर मिसाइल का परीक्षण हुआ. फिलहाल मिसाइल के प्रक्षेपण पथ पर नजर रखी जा रही है और ट्रायल के परिणामों का इंतजार किया है. अग्नि-3 मिसाइल मध्यम दूरी तक मार करने वाली है और इसकी मारक क्षमता 3,500 किलोमीटर है.

यह भी पढ़ेंः उद्धव ठाकरे के लिए दूसरी परीक्षा आज, ओपन वोटिंग से विस अध्यक्ष चुनाव की होगी मांग

डीआरडीओ भी रहा शामिल
रक्षा सूत्रों ने बताया कि अग्नि-3 मिसाइल पहले ही सेना में शामिल की जा चुकी है. इसकी लंबाई 17 मीटर, व्यास 2 मीटर और वजन करीब 50 टन है. अग्नि-3 का रात में परीक्षण भारतीय यसेना की स्ट्रैटिजिक फोर्सेज कमांड ने किया. इसमें रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया. यह परीक्षण सेना के यूजर ट्रायल के तहत किया गया था.

यह भी पढ़ेंः गोडसे पर साध्वी प्रज्ञा के बयान से बीजेपी ने किया किनारा, अमित शाह ने कही ये बात

अग्नि-2 का पहले हो चुका है सफल परीक्षण
डीआरडीओ के एक सूत्र के मुताबिक अग्नि-3 मिसाइल का यह चौथा यूजर ट्रायल था और इसका उद्देश्य मिसाइल के प्रदर्शन में निरंतरता और दोहराव को जांचना था. इस क्रम में अग्नि-3 का पहली बार रात के वक्त परीक्षण हुआ है. अग्नि-3 मिसाइल 1.5 टन के हथियार को ले जाने में सक्षम है. अग्नि-3 मिसाइल हाइब्रिड नेविगेशन, गाइडेंस और कंट्रोल सिस्टम से लैस है. इसके अलावा इस पर अत्याधुनिक कंप्यूटर भी सेट है. इससे पहले भारत ने 2,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-2 बैलिस्टिक मिसाइल का ओडिशा के बालासोर से सफल रात्रि-परीक्षण किया था, जो नाभिकीय हथियार ले जाने में सक्षम है.