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रेल रोको अभियान : किसानों ने खाली किया ट्रैक, कुछ राज्यों में बंद का मिलाजुला असर

रेल रोको अभियान संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पूरे देश में बुलाया गया था. किसानों के रेल रोको अभियान का मिलाजुला असर देश के कुछ राज्यों में देखने को मिला.

Updated on: 18 Feb 2021, 05:21 PM

दिल्‍ली :

तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आज किसानों ने देशभर में रेल रोको अभियान का आह्वान किया था. किसानों का रेल रोको अभियान दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक चला. बता दें कि किसान और सरकार के बीच इस कानून को लेकर अभी भी वार्ता चल ही रही है, दूसरे तरफ किसान आंदोलन को धार देने में भी जुटे हुए हैं. आज का रेल रोको अभियान संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पूरे देश में बुलाया गया था. किसानों के रेल रोको अभियान का मिलाजुला असर देश के कुछ राज्यों में देखने को मिला.

कृषि कानूनों के विरोध में बुलाए गए किसानों के रेल रोको अभियान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में चला. किसानों के रेल रोको अभियान का असर दिल्ली, यूपी, हरियाणा, बिहार समेत कई राज्यों में दिखा।  किसानों के इस आंदोलन को लेकर कड़ी सुरक्षा बरती गयी थी.  बिहार में भी पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता भी इस आंदोलन में शामिल हुए.  अंबाला, पटना, जम्मू-कश्मीर, पलवल और रांची में भी इस अभियान का असर देखने को मिला. वहीं जयपुर में प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठ गए. वहीं दिल्ली मेट्रो ने एहतियातन चार मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया था. अंबाला में सैकड़ों की संख्या मे किसान ट्रैक पर बैठ गए थे.  दिल्ली के आसपास भी किसानों ने ट्रैक पर कब्जा कर लिया था. गाजीपुर बॉर्डर के पास मोदीनगर रेलवे स्टेशन पर भी किसानों का जमावड़ा रहा. 

किसानों के रेल रोको अभियान की वजह से उत्तरी जोन में करीब 25 ट्रेनों को विनियमित किया गया है. यह जानकारी एक क्षेत्रीय रेलवे प्रक्ता ने दी. प्रवक्ता ने कहा कि अभी तक इस आंदोलन का रेलवे पर न्यूनतम प्रभाव पड़ा है. ट्रेनों को विनियमित करने का अर्थ है कि या तो उन्हें रद्द कर दिया गया है, कुछ समय के लिए रोक दिया गया है या उनका मार्ग बदल दिया गया है.

रेलवे ने आरपीएसएफ की 20 अतिरिक्त कंपनियों को पूरे देश में तैनात किया था.  इनकी तैनाती विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में की गई थी. हालांकि, रेलवे ने अभी तक इस अभियान के असर के बारे में पूरी जानकारी मुहैया नहीं कराई है.  लेकिन अधिकारी का कहना था कि सबसे ज्यादा असर अंबाला में देखा जा सकता है, जहां बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे.