गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली के आईटीओ, लालकिला और नांगलोई जैसी जगहों पर तोड़-फोड़ जैसी घटनाएं हुईं। 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में बताया गया है कि हिंसा के दौर क्या-क्या नुकसान हुआ।
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन कई महीनों बाद भी जारी है। फिलहाल किसानों और सरकार के बीच वार्ता का दौर भी थमा हुआ है।
26 जनवरी को हुई हिंसा पर सामाजिक कार्यकर्ता विवेक पांडेय द्वारा आरटीआई के तहत 5 सवाल पूछे गए। पहला, किसान रैली के दौरान कितनी गाड़ियां जलाई गईं? दूसरा, कितनी प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ? तीसरा, कितने का नुकसान हुआ? चौथा, कितने पुलिसकर्मी घायल हुए और आखिरी सवाल, कितने किसान इस दौरान घायल हुए?
आरटीआई के तहत दिए गए जवाब के मुताबिक, हिंसा के दौरान किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प में करीब 370 पुलिसकर्मी घायल हुए।
हालांकि सभी पुलिसकर्मियों को दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कर इलाज किया गया था, वहीं कुछ पुलिसककर्मी गंभीर रूप से भी घायल हुए थे।
इसी दौरान कुछ सोशल मीडिया पर वीडियो भी खूब वारयल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी लालकिले की पीछे की दीवारों से नीचे खाई में कूद अपनी जान किसानों से बचाते नजर आए थे।
आरटीआई में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि हिंसा में ज्यादा नुकसान प्रॉपर्टी को हुआ, जिनमें करीब 200 से अधिक बेरिकेड शामिल हैं और एक बेरिकेड की कीमत करीब 17 हजार रुपये है।
इसके अलावा हिंसा में सरकारी और प्राइवेट वाहनों में तोड़-फोड़ के कारण नुकसान पहुंचा है। 20 से अधिक सरकारी वाहनों को नुकसान हुआ, इनमें दिल्ली पुलिस की वज्रवाहन और अन्य पुलिस की गाड़ियां शामिल हैं। वहीं, डीटीसी बस और 7 निजी ट्रकों को भी नुकसान हुआ है।
दिए गए जवाब में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि 26 जनवरी को हुई हिंसा के दौरान, इंसास राइफल से 20 जिंदा कारतूस की मैगजीन भी गायब है।
साथ ही, पीवीसी केन शील्ड, लाठी, हेलमेट, बुलट प्रूफ जैकेट, बॉडी प्रोटेक्टर, आरसीसी बेरिगेड आदि को खूब नुकसान हुआ है।
दरअसल, 26 जनवरी के दिन किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालने की योजना बनाई थी, जिसमें सैंकड़ों किसान ट्रैक्टर लेकर शामिल हुए। 40 किसान संगठनों ने दिल्ली पुलिस द्वारा तय रूट पर ट्रैक्टर मार्च करने की बात कही गई, लेकिन 26 जनवरी के दिन हालात बदल गए।
गणतंत्र दिवस के दिन खास तौर पर कुछ नौजवान बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुस आए और उनके एक समूह ने लालकिले के ऊपर धार्मिक झंडा भी फहराया।
हालांकि इस हिंसा में किसानों को भी चोट आईं। आरटीआई के मुताबिक, दिल्ली आउटर डिस्ट्रिक्ट में 7 किसान घायल हुए, वहीं आईटीओ स्थित ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान की मौत भी हुई।
आईटीओ चौराहे के पास हुई एक व्यक्ति की मौत पर शुरुआत में परिजनों ने कहा कि उसकी मौत गोली लगने से हुई। लेकिन पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर पलटने से युवक के सिर में चोट लगी थी, जिससे उसकी मौत हो गई।
हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने कई धाराओं में दर्जनों मुकदम्मे भी दर्ज किए, जिसको लेकर फिलहाल दिल्ली पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।
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Source : IANS