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बीएसएफ जवान की खराब खाना परोसे जाने की शिकायत पर बीएसएफ ने खाने की गुणवत्ता को सुधारने के लिये सुझाव मंगाए हैं। बीएसएफ ने कहा है कि वो एक सिस्टम तैयार कर रहे हैं जिसके तहत वर्तमान राशन मंगाने की प्रक्रिया की ऑडिट की जा सके।
गृह मंत्रालय को भेजी गई बीएसएफ की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि जो विडियो में दाल दिखाई जा रही है वो राशन में मंगाई गई टिन पैक्ड दाल है और पराठा यूनिट के मेस पहाड़ों पर रह रहे जवानों के लिये वर्तमान प्रक्रिया के तहत तैयार किया गया था।
बीएसएफ के डीजी के के शर्मा ने गृह मंत्रालय को बताया है कि मामले की जांच के लिये पश्चिमी कमांडर (एडिशनल डीजी) डाइटीशियन के साथ सीमा पर गए हैं जहां यादव की पोस्टिंग थी।
उन्होंने कहा, "बीएसएफ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सभी ज़रूरी कार्रवाई की जा रही है।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य दिनों में बनने वाला खाना जिसमें दाल और रोटी के अलावा मेस में मछली भी कई बार बनाई जाती है।
जांच पूरी होने के बाद बीएसएफ इस मामले में अंतिम रिपोर्ट गुरुवार या शुक्रवार तक जमा कर सकता है।
इससे पहले गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि सभी सीमा पर स्थित पोस्ट पर और विशेषज्ञ और डाइटीशियन को भेजा गया है। ताकि जवानों को दिये जाने वाले खाने की गुणवत्ता वर्तमान नियमों के तहत ही हो।
बीएसएफ ने कहा है कि राशन की खरीद पर जो नियम और नीतियां हैं उन पर फिर से विचार किये जाने की ज़रूरत है, ताकि खामियों को दूर किया जा सके। इसके अलावा बीएसएफ ने कहा है कि सीनियर अधिकारी जवानों के साथ समय-समय पर बात कर उनकी शिकायतों की जानकारी लेते रहेंगे, ताकि उसे दूर किया ज सके।
Source : News Nation Bureau