तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 12 दिसंबर को आए वरदा तूफान ने अब बीमा कंपनियों को मुश्किल में डाल दिया है।
इस चक्रवाती तूफान तूफान में जान-माल के हुए नुकसान के बाद बीमा कंपनियों ने करीब 200 करोड़ रुपये का दावा मिलने की बात कही है। चक्रवात से कारखानों, गोदामों, जहाजों और वाहनों, साइन बोर्डो, मोबाइल टॉवरों और बिजली के ढांचों को भारी नुकसान पहुंचा है।
एक सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा अधिकारी ने कहा कंपनियों के लिए न्यूनतम नुकसान की सीमा 50 करोड़ रुपये है।
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सरकारी और निजी बीमा कंपनियों के अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने अपने पॉलिसी धारकों से नुकसान की सूचना लेनी शुरू कर दी है।
युनाइटेड इंडिया बीमा कंपनी ने आईएएनएस से कहा कि उसे करीब 150 करोड़ के दावे की सूचना मिली है।
उन्होंने कहा, "यह एक मोटा अनुमान है। वास्तविक नुकसान सर्वे के बाद कम हो सकता है।"
इसी तरह निजी क्षेत्र की रॉयल सुंदरम जनरल कंपनी को करीब 120 दावे प्राप्त हुए हैं लेकिन कितना नुकसान हुआ है, यह अभी मालूम नहीं चल सका है।
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एक अधिकारी के अनुसार, बीते साल चेन्नई में बाढ़ से करीब 4,800 करोड़ के घाटे के बाद, बीमा कंपनियों ने न सिर्फ भयवाह नुकसान में प्रीमियम बढ़ाया, बल्कि घाटे की राशि को दोगुनी कर 50 करोड़ रुपये कर दिया।
HIGHLIGHTS
- वरदा तूफान में नुकसान के बाद भुगतान के लिए मुश्किल में बीमा कंपनियां
- पिछले साल चेन्नई में बाढ के बाद हुआ था बीमा कंपनियों को भारी नुकसान
Source : IANS