गलवान घटना के बाद सीमा पर चीनी सेना के तैनाती में खासे बदलाव : जनरल विपिन रावत
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को एलओसी पर चल रही गतिविधियों के साथ-साथ जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाके के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गलवान घटना के बाद भारतीय सीमा पर चीनी सेना के तैनाती में खासे बदलवा आया है.
highlights
- चीनी सेना के तैनाती में बदलाव
- तीनों सेनाओं को एकीकृत होने की जरूरत
- सीमा पर अब तक संघर्ष विराम जारी
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दिल्ली :
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को एलओसी पर चल रही गतिविधियों के साथ-साथ जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाके के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गलवान घटना के बाद भारतीय सीमा पर चीनी सेना के तैनाती में खासे बदलवा आया है. उन्होंने कहा कि चीनी सैनिक को अब लगता है कि उन्हें बेहतर प्रशिक्षित और बेहतर तैयार होने की आवश्यकता है. एलओसी पर चल रही गतिविधियों के बारे में बिपिन रावत ने कहा कि यह एक कठिन क्षेत्र है जिसके लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है. इसमें देश के सैनिक बहुत कुशल हैं क्योंकि हमारे पास बहुत सारे पर्वतीय युद्ध प्रशिक्षण हैं. उन्होंने कहा कि हम पहाड़ों में काम करते हैं और लगातार अपनी उपस्थिति बनाए रखे हैं.
जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सीमा पर अब तक संघर्ष विराम जारी है, जो एक सकारात्मक संकेत है. लेकिन ड्रोन का उपयोग करके हथियारों और गोला-बारूद के जरिए घुसपैठ की जा रही है जो कि शांति के लिए शुभ संकेत नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि यदि आंतरिक शांति प्रक्रिया बाधित होती है, तो हम वास्तव में यह नहीं कह सकते कि युद्धविराम अब तक जारी है. युद्धविराम का मतलब यह नहीं है कि आप सीमाओं पर संघर्ष विराम करें और भीतरी इलाकों में घुसपैठ करें। उन्होंने कहा कि हम पूरे जम्मू-कश्मीर में शांति चाहते हैं.
जम्मू-कश्मीर के लोग शांति चाहते हैं
रावत ने कहा कि मुझे पता है कि जम्मू-कश्मीर के लोग खुद शांति स्थापित करना चाहते हैं. उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में बहुत सारे आतंकवाद और उग्रवाद देखे हैं. लोग अब शांति की वापसी की ओर देख रहे हैं, खासकर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से उनकी उम्मीदें और बढ़ीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो समय आएगा जब लोग खुद हिंसा से दूर हो जाएंगे और घाटी में उग्रवाद नहीं होने देंगे क्योंकि स्थानीय लोगों के समर्थन के बिना उग्रवाद और आतंकवाद जीवित नहीं रह सकते.
तीनों सेनाओं को एकीकृत होने की जरूरत
उन्होंने कहा कि यदि तीनों सेनाएं एकीकृत होकर संयुक्तता और परिवर्तन की कोशिश करती है तब मुझे लगता है कि हम अपनी मौजूदा सेवाओं की बेहतर दक्षता और उपयोग को और सुनिश्चित कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम भविष्य में मुकाबले के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे
थिएटर कमांड की गठन प्रक्रिया सही रास्ते पर
रावत ने कहा कि थिएटर कमांड की गठन प्रक्रिया सही रास्ते पर चल रही है. हम तीनों सेवाओं के अधिकांश मुद्दों को हल करने में सक्षम हो गए हैं. जल्द ही कुछ अच्छा परिणाम मिलने वाला है
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