AAP ने Congress से छीना पंजाब, अब Status भी करेगी Change
अब अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी बीजेपी के खिलाफ गैर-कांग्रेस मोर्चे की दौड़ में शामिल हो जाएंगे. और तो और, कांग्रेस के लिए अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बचाए रखने की भी एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.
highlights
- पंजाब में आप की ऐतिहासिक जीत के साथ कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी
- बीजेपी के खिलाफ गैर-कांग्रेसी मोर्चा के लिए ताल ठोकेंगे केजरीवाल
- कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बचाए रखने की भी चुनौती बढ़ी
नई दिल्ली:
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) परिणाम देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस (Congress) के लिए खासा बड़ा झटका लेकर आए हैं. कांग्रेस को उम्मीद थी कि 2024 लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) के लिहाज से इन राज्यों में बेहतर प्रदर्शन कर वह संजीवनी हासिल कर सकेगी. हालांकि उसे पंजाब (Punjab) और मणिपुर (manipur) से भी हाथ धोना पड़ा है. स्थिति यह आ गई है कि अब उसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ-साथ आम आदमी पार्टी (AAP) की चुनौती से भी निपटना होगा. तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) पहले से ही बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस रहित विपक्षी मोर्चे को धार देने जुट चुकी हैं. अब अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी बीजेपी के खिलाफ गैर-कांग्रेस मोर्चे की दौड़ में शामिल हो जाएंगे. और तो और, कांग्रेस के लिए अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बचाए रखने की भी एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.
अति जोश में रही कांग्रेस
कांग्रेस को इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कम से कम तीन से खासी उम्मीदें थीं. उत्तराखंड, गोवा औऱ मणिपुर में बीजेपी शासन के चलते वह एंटी-इनकंबेसी फैक्टर को लेकर आशान्वित थी. पंजाब में चुनाव से लगभग तीन महीने पहले दलित सीएम चरमजीत सिंह चन्नी की ताजपोशी से वह समीकरण साधे जाने को लेकर अभिभूत थी. यह अलग बात है कि उसे हर राज्य में करारी हार का सामना करना पड़ा. उत्तर प्रदेश में महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कृषि कानूनों समेत योगी सरकार में महिला सुरक्षा को बड़ा मुद्दा बनाया. यह अलग बात है कि कांग्रेस को यहां ऐतिहासिक शिकस्त खानी पड़ी. कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले विधानसभा चुनाव से भी खराब रहा. इस हार के साथ ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति हाशिये से बद्तर हो गई. उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भी कांग्रेस का प्रदर्शन औसत से भी कमतर रहा.
यह भी पढ़ेंः मणिपुर में एक और इतिहास बना, विधानसभा पहुंची पहली बार 5 महिलाएं
पंजाब में आप ने दिया जोर का झटका धीरे से
सबसे बड़ा झटका पंजाब में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को दिया. आप ने पंजाब में कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ कर दिया है. यहां तक कि सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के हिस्से हार ही आई. इस लिहाज से अब पंजाब में भी कांग्रेस के लिए खुद को पुनर्जीवित करने की मुहिम को नए सिरे से धार देनी होगी. राज्यों में करारी हार के साथ ही कांग्रेस की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं. खासकर लोकसभा चुनाव 2024 के लिहाज से कांग्रेस के लिए करो या मरो की स्थिति आ चुकी है. अंतर्कलह और अतर्द्वंद्व से जूझती कांग्रेस के लिए यह काम कतई आसन नहीं है.
बीजेपी के खिलाफ गैर-कांग्रेसी विकल्प में आप भी दावेदार
कांग्रेस के लिए पंजाब में हार के साथ ही आप ने एक और चुनौती खड़ी कर दी है. भगवंत मान के नेतृत्व में आप की जीत के साथ ही सूबे में आप के राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उभरने के स्वर गूंजने लगे. यही नहीं, कुछ नेता तो आप को कांग्रेस के राष्ट्रीय विकल्प बतौर पेश करने से भी पीछे नहीं हटे. गौरतलब है कि कांग्रेस की तर्ज पर आप के पास भी अब दो राज्यों में सरकार है. महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस गठबंधन सरकार का हिस्सा है. ऐसे में आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा का बयान अपने आप ही महत्वपूर्ण हो जाता है, जिसमें वह अरविंद केजरीवाल को अवसर मिलने पर 2024 में पीएम पद के लिए सशक्त विकल्प कहने से भी नहीं चूके. यानी कांग्रेस अभी तक खुद को बीजेपी के खिलाफ मोर्चे के केंद्र में खुद को पेश करती थी, लेकिन अब ममता बनर्जी के साथ अरविंद केजरीवाल भी यह दावा करने से पीछे नहीं हट रहे हैं. दूसरे कांग्रेस की इस पराजय के साथ ही असंतुष्ट धड़े जी-24 को अपनी आवाज मुखर करने का एक और मौका मिल गया है.
यह भी पढ़ेंः UP Election Result: कहां से कौन जीता? ये है सभी 403 सीटों की सूची
आप राष्ट्रीय पार्टी बनने के भी करीब
रहा सवाल राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने का, तो आम आदमी पार्टी इस दिशा में और पास आ चुकी है. चुनाव आयोग के चुनाव निशान के आरक्षण एवं आवंटन आदेश के प्रावधानों के मुताबिक स्वत: ही राष्ट्रीय पार्टी बन जाने के लिए किसी भी पार्टी को चार राज्यों में क्षेत्रीय दल बनने की जरूरत होती है. इस लिहाज से देखें तो आम आदमी पार्टी पहले से ही दिल्ली और पंजाब में क्षेत्रीय दल है. वह दिल्ली में सत्ता में है, जबकि अब वह पंजाब चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद सत्तासीन होने जा रही है. यही नहीं दूसरी शर्त के अनुसार किसी भी पार्टी को प्रादेशिक (क्षेत्रीय दल) का दर्जा प्राप्त करने के लिए 6 फीसद वोटों की जरूरत होती है. आप ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भी अपने पैर जमाने शुरू कर दिए हैं. चुनाव आयोग के अनुसार फिलहाल आठ राष्ट्रीय दल–तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एवं नेशनल पीपुल्स पार्टी हैं. टीएमसी और आप अब इस कतार में शामिल होने के लिए प्रयास तेज कर चुकी हैं. यानी कांग्रेस के लिए अपना अस्तित्व बचाए रखने के साथ-साथ राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बचाए रखने की भी चुनौती से जूझना पड़ेगा.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी