अटल सरकार ने भी संसद पर हमले के बाद किया था पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक का फैसला
पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुशील कुमार ने अपनी किताब में दावा किया है कि संसद पर हमले के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी पाक अधिकृत कश्मीर स्थित आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की योजना बनाई थी.
highlights
- पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुशील कुमार की किताब 'ए प्राइम मिनिस्टर टू रिमेंबर' में खुलासा.
- संसद भवन पर हमले के बाद पाक स्थित आतंकी ठिकानों पर थी एयर स्ट्राइक की योजना.
- हालांकि ऑपरेशन पराक्रम पर किताब में उठाए गए सवाल. जल्दबाजी में किया निर्णय बताया.
नई दिल्ली.:
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बालाकोट पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कई कांग्रेसी नेताओं ने दावे किए कि संप्रग सरकार के दौरान भी पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक की गई थी. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई और ना ही हो सकी. अब पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुशील कुमार ने अपनी किताब में दावा किया है कि संसद पर हमले के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी पाक अधिकृत कश्मीर स्थित आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की योजना बनाई थी.
यह भी पढ़ेंः बीजेपी नेता प्रियंका शर्मा की अवमानना याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
'ए प्राइम मिनिस्टर टू रिमेंबर' में खुलासा
गौरतलब है कि पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुशील कुमार की किताब 'ए प्राइम मिनिस्टर टू रिमेंबर' का 28 जून को विमोचन हुआ है. इसमें उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा संसद भवन पर हमले का भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है कि तीनों सेना के चीफ तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा से आर्मी के ऑपरेशन रूम में मिले थे. इस मुलाकात के दौरान एलओसी के पार और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों को नष्ट करने के लिए हवाई हमले की योजना पर चर्चा हुई.
यह भी पढ़ेंः J&K में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव को राज्यसभा में मंजूरी मिलना नहीं होगा आसान, जानें क्यों
सीमा पर फोर्स की तैनाती के साथ दिया जाना था अंजाम
किताब के मुताबिक उस चर्चा के बाद सीमा पर फोर्स तैनात करने का निर्णय किया गया और उसे नाम दिया गया 'ऑपरेशन पराक्रम'. गौरतलब है कि देश के विभिन्न हिस्सों से रिजर्व फोर्स को दस महीने तक सीमा पर तैनात रखा गया था. हालांकि इस निर्णय से पहले प्रधानमंत्री के सात लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर तीनों सेना के चीफ ब्रेकफास्ट मीटिंग के लिए मिले थे. इसके बावजूद सीमा पर फोर्स की तैनाती के अलावा कोई और आदेश उन्हें नहीं दिया गया. सीमा पर सेना की तैनाती के दौरान 798 सैनिक मारे गए. एक प्रकार से 'ऑपरेशन पराक्रम' एक आपदा की तरह था.
यह भी पढ़ेंः Two Years After GST: आसान नहीं था दुनिया की सबसे जटिल कर प्रणाली को लागू करना: अरुण जेटली
सामने आई थीं तमाम चूकें
एक जगह एडमिरल सुशील कुमार ने अपनी किताब में खुलासा किया है कि उस बैठक में यह स्पष्ट हो गया कि वाजपेयी तीनों सशस्त्र बलों के सीमा पर जमावड़े को अपनी ठोस रणनीति के तौर पर देख रहे थे. चूंकि यह एक जल्दबाजी में लिया गया निर्णय था. इसलिए हो सकता है कि प्रधानमंत्री को बाद में पता चला हो कि उस फैसले का कितना गंभीर प्रभाव सशस्त्र बलों पर पड़ा है. इसने सशस्त्र बलों की तैनाती, नेतृत्व से जुड़ी तमाम कमियों को उजागर किया. लड़ाकू संसाधनों की ऊर्जा का अपव्यय हुआ. बिना किसी उद्देश्य के यह ऑपरेशन चलाया गया था.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Irrfan Khan Death Anniversary: अपनी पत्नी के लिए जीना चाहते थे इरफान, कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान शेयर की थी दिल की इच्छा
-
अरिजीत सिंह ने अपने कॉन्सर्ट के दौरान माहिरा खान से मांगी माफी, देखें सिंगर ने क्या कहा?
-
Aamir Khan Children: आमिर की सलाह नहीं सुनते उनके बच्चे, भावुक आमिर ने शेयर किया दिल का दर्द
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन करें तुलसी के ये उपाय, आर्थिक तंगी होगी दूर!
-
Guru Gochar 2024: 1 मई को गुरु गोचर से बनेगा कुबेर योग, जानें आपकी राशि पर इसका प्रभाव
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर करें ये उपाय, धन से भर जाएगी तिजोरी
-
Shiv Ji Ki Aarti: ऐसे करनी चाहिए भगवान शिव की आरती, हर मनोकामना होती है पूरी