मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को समस्त केरल जमीयत-उल-उलेमा नेताओं के साथ चर्चा के बाद वक्फ बोर्ड में सभी नियुक्तियों को लोक सेवा आयोग (पीएससी) को सौंपने के लिए पहले के फैसले को रोकने का फैसला किया है।
जब से विजयन सरकार ने निर्णय के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है, तब से विभिन्न मुस्लिम संगठन नाराज हैं।
मंगलवार की सुबह अलीकुट्टी मुसलियार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने विजयन से चर्चा के बाद मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि यथास्थिति बनाए रखी जाएगी और आगे की चर्चा की जाएगी, तब तक नियम लागू नहीं किया जाएगा।
विजयन के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इस मुद्दे पर अब और चर्चा की जाएगी।
विजयन के बयान में कहा गया है कि सौदे देने का निर्णय सरकार का निर्णय नहीं था और इसलिए सरकार इस पर अडिग नहीं है। चर्चा होने और आम सहमति आने के बाद ही इस मुद्दे पर फिर से कोई कदम उठाया जाएगा और तब तक ऐसा नहीं होगा। और यथास्थिति जारी रहेगी।
विजयन ने कहा कि यह अटकलें है कि अगर इसे पीएससी को सौंप दिया जाता है, तो गैर-मुसलमानों को ये पद मिल सकते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा।
इस बीच, कांग्रेस नीत यूडीएफ की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने कहा कि वे कानून हटाए जाने तक अपना विरोध जारी रखेंगे।
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Source : IANS