टमाटर और प्याज के बाद अब आलू के दाम छू सकते हैं आसमान, जानिए क्या है वजह

महंगाई डायन से परेशान जनता को इस बार आलू भी परेशान कर सकता है बारिश की वजह से आलू की बुआई में लगभग एक महीने की देरी हो चुकी है

author-image
Ravindra Singh
New Update
केंद्र की सहमति के बाद उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र बनेगा

आलू( Photo Credit : न्यूज स्टेटस)

इस बार देश में मॉनसूनी बारिश के ज्यादा दिनों तक होने की वजह से आलू किसानों के साथ आम जनता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसके पहले प्याज के आंसू रो चुकी आम जनता को टमाटर ने भी लाल होकर अपना गुस्सा दिखाया था. महंगाई डायन से परेशान जनता को इस बार आलू भी परेशान कर सकता है बारिश की वजह से आलू की बुआई में लगभग एक महीने की देरी हो चुकी है इससे बाजार में नया आलू पहुंचने में देरी होना तय है इसके चलते आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. नया आलू अभी बाजारों में नहीं पहुंचा है जिसकी वजह से पुराने आलू में महंगाई का रुख कर लिया है.

Advertisment

भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित 22 राज्यों में इस बार मॉनसूनी बारिश की वजह से बाढ़ आई थी जिसकी वजह से इनमें से कई राज्यों में आलू की फसल एक महीने बाद भी नहीं बोई जा सकी है. बाढ़ से प्रभावित ये राज्य आलू के बड़े उत्पादकों में शुमार में हैं. अगैती आलू जो सितंबर के पहले सप्ताह में होती रही है, उसकी बोआई कहीं अक्टूबर के आखिरी सप्ताह अथवा नवंबर के पहले सप्ताह में हो सकती है. यूपी के फर्रुखाबाद जिले के आस पास का इलाका आलू की खेती वाला सबसे बड़ा क्षेत्र है. यहां के आलू के बड़े किसानों और व्यापारियों ने बताया कि इस बार बारिश के चलते यहां पर बोआई नहीं हो पाई है.

यह भी पढ़ें-सावधान! एक बार फिर आपको रुलाने की तैयारी में है प्याज, नासिक की थोक मंडी में बढ़े दाम

बाजार की जरूरतों को देखकर किसान कच्चा आलू खोदकर ही बाजार में बेच लेता जिससे उसे अच्छी आमदनी हो जाती है. कच्ची आलू बुआई के महज 60 दिनों में ही खुदाई लायक हो जाता है, लेकिन इस बार बुआई ही देर से हो रही है, जिसे भांपकर जिंस बाजार के खिलाड़ी सक्रिय हो गये हैं. बाजार में आलू का मूल्य 100 से डेढ़ सौ रुपये प्रति पैकेज (50 किग्रा) बढ़ाकर बोला जा रहा है. उत्पादक मंडियों में आलू 300 से 450 रुपये प्रति पैकेट बिक रहा है, जो दिल्ली पहुंचकर 25 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाता है. 

यह भी पढ़ें-प्याज के 'आंसू' सूखे भी नहीं थे कि टमाटर ने दिखाया अपना रंग, बढ़े 70 फीसदी दाम

आलू विशेषज्ञों की माने तो इस बार नया आलू 15 दिसंबर से पहले बाजार में नहीं आ पायेगा, हालांकि पंजाब से थोड़ा बहुत नया आलू 15 नवंबर तक बाजार में आ सकता है, लेकिन इस बार वहां भी अगैती आलू की फसल बहुत अच्छी नही है. कृषि मंत्रालय के हार्टिकल्चर फसलों के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक वर्ष 2018-19 के दौरान आलू की कुल पैदावार 5.30 करोड़ टन थी. कोल्ड स्टोर से निकासी आंकड़ों के मुताबिक मई में साढ़े छह फीसद, जून में 9.5 फीसद, जुलाई में 13.5 फीसद और अगस्त में 16 फीसद आलू की निकासी हुई है.

यह भी पढ़ें- देश में खत्म होगा 'प्याज संकट', इस पड़ोसी देश ने दिखाया बड़ा दिल

tomato price hike Rain Onion price hike Delhi Azadpur Mandi Potato Price Hike flood monsoon
      
Advertisment