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21 मई के बाद कोरोना के नए मामले आने हो जाएंगे बंद, स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा

COVID-19 को लेकर मुंबई स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स एंड पब्लिक पॉलिसी के एक पेपर में यह अनुमान लगाया गया है.

Updated on: 02 May 2020, 11:53 AM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19) : कोरोना वायरसर को लेकर बड़ी खुशखबरी आ रही है. स्टडी (Study) में एक बात निकलकर आई है कि भारत के 11 राज्यों में 7 मई कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए मामले सामने आने की आखिरी तारीख हो सकती है. Coronavirus (Covid-19), Lockdown Part 2 Day 1, Lockdown 2.0 Day one, Corona Virus In India, Corona In India, Covid-19 को लेकर मुंबई स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स एंड पब्लिक पॉलिसी के एक पेपर में यह अनुमान लगाया गया है. हालांकि, इस पेपर के ऑथर नीरज हाटेकर और पल्लवी बेल्हेकर का कहना है कि नए मामलों का बंद होना संक्रमण रोकने के लिए अपनाए जा रहे उपायों पर पूरी तरह से निर्भर करेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेपर के ऑथर्स का मानना है कि भारत के लिए 21 मई नए कोरोना केस सामने आने की आखिरी तारीख हो सकती है.

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उत्तर प्रदेश के लिए 10 मई होने का अनुमान लगाया गया

हालांकि पेपर में बड़े पैमाने पर प्रवासी कामगारों के मूवमेंट के मामले पर राज्यों से सतर्क रहने को कहा गया है क्योंकि इसकी वजह से लॉकडाउन के चलते सुधरी स्थिति प्रभावित हो सकती है, जिससे आगे समस्या बढ़ सकती है. जिन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश में नए केस सामने आने की आखिरी तारीख 7 मई होने का अनुमान लगाया गया है उनमें दिल्ली, गुजरात , राजस्थान और मध्य प्रदेश शामिल हैं. महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के लिए इस तारीख के 21 मई, उत्तर प्रदेश के लिए 10 मई होने का अनुमान लगाया गया है.

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कुछ राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में अधिकतम कोरोना केस की संख्या को लेकर ये अनुमान लगाया गया है:

महाराष्ट्र: 24222 केस
दिल्ली: 3744 केस
गुजरात: 4833 केस
उत्तर प्रदेश: 3182 केस
राजस्थान: 2808 केस
मध्य प्रदेश: 2432 केस
पश्चिम बंगाल: 2173 केस

बता दें कि इस पेपर में लॉजिस्टिक डिस्ट्रीब्यूशन का इस्तेमाल किया गया है, जिसे आम तौर पर प्रतिबंधित वातावरण में माइक्रोऑर्गेनिज्म की कॉलोनी के ग्रोथ मॉडल में इस्तेमाल किया जाता है. स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि सिस्टम कब कैरिइंग कैपिसिटी तक पहुंचेगा और नए मामले सामने आने बंद होंगे. इसके लिए स्टडी में ऑस्ट्रेलिया, थाइलैंड, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और चीन जैसे देशों का डेटा इस्तेमाल किया गया है.