logo-image

कर्नाटक के बाद मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान की बारी! सियासी गलियारे में चर्चा तेज

कर्नाटक (Karnataka) के बाद अब मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान सरकार के ऊपर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.

Updated on: 24 Jul 2019, 01:24 PM

नई दिल्‍ली:

कर्नाटक (Karnataka) के बाद अब मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान सरकार के ऊपर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्‍कि सियासत के गलियारे से लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा आम है. मंगलवार को कर्नाटक (Karnataka) विधानसभा में कांग्रेस समर्थित जेडीएस की कुमारस्वामी सरकार 6 वोट से गिर गई. बता दें कि कर्नाटक (Karnataka) में कुमारस्वामी सरकार को विश्वास मत के चलते 99 विधायकों का समर्थन मिला था. जबकि 105 विधायक ने विरोध में वोट किया. कारण कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस सरकार गिर गई. इसके साथ ही कांग्रेस सिर्फ 5 राज्यों तक सिमट गई है. अब कांग्रेस केवल पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी में बची है.

इन 5 राज्‍यों में से मध्यप्रदेश और राजस्‍थान में भी कर्नाटक (Karnataka) की कथा दोहराई जा सकती है. दक्षिण भारत में कर्नाटक (Karnataka) एक मात्र राज्य ऐसा था, जहां कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन अब सरकार गिरने के बाद कांग्रेस का दक्षिण भारत में भी सफाया हो गया है.

यह भी पढ़ेंः कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए एचडी कुमारस्‍वामी, भाग्‍य ने एक बार फिर नहीं दिया साथ

14 महीने पहले जनता दल (सेक्युलर) के साथ मिलकर सरकार बनाते हुए कांग्रेस ने राज्य में अपनी सत्ता कर्नाटक (Karnataka) में बनाई थी और उसके कुछ महीनों बाद ही तीन हिंदी भाषी राज्यों मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ और राजस्‍थान में कांग्रेस ने अपना परचम लहराया था.

मध्‍य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर क्‍यों है खतरा

पिछले साल हुए विधान सभा चुनावों में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी, वहीं 15 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा को 109 सीटों पर संतोष करना पड़ा. इसके अलावा बसपा को 2, सपा को 1 और 4 पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है.

यह भी पढ़ेंः Karnataka LIVE Updates : सरकार बनाने की कोशिशों के बीच RSS दफ्तर पहुंचे बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा

230 सीटों वाले इस विधान सभा में बहुमत के लिए 116 सीट चाहिए. निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कमलनाथ सरकार चल रही है. जहां तक बीजेपी की बात है तो उसे 7 और सीटों की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में उसे सभी निर्दलीय, सपा और बसपा विधायकों को तोड़ना होगा.

राजस्‍थान का हाल

राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Election Results) की 199 सीटों में से कांग्रेस पार्टी का कुल 99 पर कब्‍जा है, जबकि बीजेपी के पास 73 सीट ही हैं. वहीं निर्दलीय के नाम कुल 13 सीटें हैं. जबकि बहुजन समाज पार्टी के पास छह , कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सिस्ट) को दो, भारतीय ट्राइबल पार्टी को दो, राष्ट्रीय लोक दल को एक, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पास 3 सीटें हैं. यहां अशोक गहलोत की सरकार को बहुत ज्‍यादा खतरा नहीं है. यहां बीजेपी को गहलोत सरकार गिराने के लिए 27 विधायकों की जरूरत पड़ेगी, जो नामुमकिन लग रहा है.

यह भी पढ़ेंः फ्लोर टेस्‍ट की गजब कहानी: कोई एक दिन का सीएम तो कहीं सरकार एक वोट से गिरी

कर्नाटक में सरकार गिरने के बाद राजस्‍थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा , ‘कर्नाटक में आप तमाशा देख ही रहे हैं. जो कुछ हो रहा है यह जनता के जहन में बैठ रहा है और आने वाले वक्त में उन्हें ये भारी पड़ेगा. इनकी खुद की पार्टी में बगावत होगी, ये मैं कह सकता हूं. समय का इंतजार कीजिए. अंतिम विजय सत्य की होती है.’ गहलोत ने कहा, ‘ये लोग लोकतंत्र को खत्म करने का खेल खेल रहे हैं. इनका बस चले तो हिंदुस्तान भर में यही काम करेंगे और कोई काम तो है नहीं इनके पास. देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है, युवाओं में आक्रोश पैदा हो रहा है. किसान आत्महत्या कर रहे हैं. इन्हें उसकी चिंता नहीं है.’