जेट एयरवेज के बाद एयर इंडिया की हालत खस्ता, पायलटों ने सुरक्षा को लेकर पूछा सवाल

भारत की दो बड़ी एविएशन कंपनियां जेट एयरवेज और एयर इंडिया आर्थिक संकट से जूझ रहे है। कर्ज में डूबी एयर इंडिया के पांच कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है।

भारत की दो बड़ी एविएशन कंपनियां जेट एयरवेज और एयर इंडिया आर्थिक संकट से जूझ रहे है। कर्ज में डूबी एयर इंडिया के पांच कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है।

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ruchika sharma
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जेट एयरवेज के बाद एयर इंडिया की हालत खस्ता, पायलटों ने सुरक्षा को लेकर पूछा सवाल

एयर इंडिया (फोटो-IANS)

भारत की दो बड़ी एविएशन कंपनियां जेट एयरवेज और एयर इंडिया आर्थिक संकट से जूझ रहे है। कर्ज में डूबी एयर इंडिया के पांच कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है। एयर इंडिया के पायलटों के संगठन इंडियन कमर्शल पायलट्स असोसिएशन ने मैनेजमेंट से पूछा कि क्या उनके पास पर्याप्त राशि मौजूद है और क्या हमारी एयरलाइन सेफ है? इसके साथ ये भी सवाल किया कि क्या एयरलाइन के पास विमान की नियमित मरम्मत करवाने के लिए राशि है या नहीं?

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एयरलाइन द्वारा वेतन न देने से नाराज़ इंडियन कमर्शल पायलट्स असोसिएशन ने एयरलाइन के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने लिखा है कि यह निराशाजनक है कि लगातार पांचवे महीने भी वेतन देने में देरी की गई है। आपके आश्वासन के बावजूद प्रबंधन कर्मचारियों को वेतन और उड़ान भत्ता देने में असफल रहा है। पत्र में एयरलाइन की गिरती हालत को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की गई है।

जेट एयरवेज की आर्थिक हालत खस्ता

जेट एयरवेज की भी आर्थिक हालत खस्ता है। सूत्रों के मुताबिक, जेट एयरवेज पहले ही 25 प्रतिशत सैलरी में कटौती कर चुका है। जेट ने अपने कर्मचारियों से कहा कि अगर खर्चे कम नहीं किये गए तो कंपनी के लिए 60 दिन के बाद ऑपरेट करना मुश्किल हो जाएगा।

और पढ़ें: जेट एयरवेज की हालत हुई खस्ता, 60 दिनों बाद ऑपरेट करना मुश्किल, कर्मचारियों की 25% तक घटेगी सैलरी

एयर इंडिया को नहीं मिला कोई खरीदार

बता दें कि एयर इंडिया को बेचने की केंद्र सरकार की योजना अधर में लटकी हुई है। आलम यह है कि एयरलाइन के विनिवेश के लिए प्रस्ताव की समय सीमा समाप्त हो गई मगर किसी ने भी बोली नहीं लगाई।

सरकार ने इस साल 28 मार्च को एयर इंडिया के विनिवेश के लिए एक्सप्रेसन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) आमंत्रित किया था, जिसमें राष्ट्रीय विमानन कंपनी के साथ ही एयर इंडिया एक्सप्रेस लि., और एयर इंडिया एसएटीएस की हिस्सेदारी की बिक्री भी शामिल थी। लेकिन इन ईओआई के बंद होने के अंतिम दिन 31 मई तक किसी भी कंपनी/व्यक्ति ने इसमें रूचि नहीं दिखाई।

वित्तीय संकट से जूझ रही एयरलाइन का सरकार विनिवेश करना चाहती है। सरकार ने एक मई को बोली प्राप्त करने की आखिरी तारीख 14 मई से बढ़ाकर 31 मई कर दी थी।

Source : News Nation Bureau

Air India Jet Airways
      
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