नोटबंदी के बाद देश के करीब 2 लाख एटीएम्स ने काम करना बंद कर दिया था जिस कारण लोगों में कैश की भारी किल्लत हो गई थी।
नोटबंदी से पहले नए नोटों के हिसाब से एटीएम के तकनीक में बदलाव नहीं किया गया था जिसकी वजह से एटीएम से पैसे निकलने में दिक्कत हो रही थी। या तो नोट फंस जाते थे या फिर फट जाते थे।
एटीएम के साफ्टवेयर और रुपए निकालने वाले खांचे में परिवर्तन करने के बाद ही इस समस्या से निपटा जा सकता था जिसमें बैकों को महीनों का वक्त लग गया। एक तरफ जहां एटीएम काम नहीं कर रहे थे और बैंकों में लोगों की लंबी-लंबी लाइने थी वहीं दूसरी तरफ ऑनलाइन वॉलेट कंपनी पेटीएम को इसका जबरदस्त फायदा हुआ था।
नोटबंदी के बाद पेटीएम पर रोजाना खरीदारी का आंकड़ा 120 करोड़ रुपये के भी पार पहुंच गया था। इसका सबसे बड़ा कारण ये था कि लोगों के कैश की भारी कमी थी जिसके वजह से लोग अपने पेटीएम वॉलेट से ही ऑनलाइन पेमेंट करने लगे।
पेटीएम की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई थी कि ठेले वाले से लेकर रिक्शे वाले तक और अस्पताल से लेकर परचून तक की दुकान पर लोग पेटीएम से भुगतान करने लगे।
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नोटबंदी के बाद सिर्फ 10 दिनों में 4.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पेटीएम का इस्तेमाल किया और करीब 50 लाख नए ग्राहक भी बने। कंपनी के कुल कारोबार में ऑफलाइन लेनदेन की हिस्सेदारी 65 फीसदी के उपर पहुंच गई जबकि 6 महीने पहले यह 15 फीसदी के करीब था।
देशभर में किराना दुकानों, टैक्सी, ऑटोरिक्शा, रेस्तरां, कॉफी शॉप, सिनेमाघर समेत तमाम जगहों पर 10 लाख से ऊपर लोग ऑफलाइन पेटीएम भुगतान सेवा का इस्तेमाल करने लगे थे
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Source : News Nation Bureau