गहलोत का सिरदर्द नहीं हो रहा कम, अब मंत्रियों के विभागों पर फंसा पेंच

अब विभाग के बंटवारे को लेकर समस्या गहराने लगी है. सूत्र बताते हैं कि इस गांठ को सुलझाने के लिए भी दिल्ली की तरफ देखा जा रहा है.

अब विभाग के बंटवारे को लेकर समस्या गहराने लगी है. सूत्र बताते हैं कि इस गांठ को सुलझाने के लिए भी दिल्ली की तरफ देखा जा रहा है.

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Nihar Saxena
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Ashok Gehlot

अशोक गहलोत की निगाहें फिर से संकटमोचक आलाकमान पर.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

कांग्रेस आलाकमान के लिए आगे का रास्ता कतई मुफीद नहीं दिख रहा है. पंजाब की रार से सबक लेते हुए आलाकमान के निर्देश पर राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का नया कैबिनेट तो अस्तित्व में आ गया, लेकिन अब नया पेंच सामने आ रहा है. इसके तहत लंबे समय तक चली कवायद के बाद राजस्थान में 15 मंत्रियों का शपथग्रहण भी हो गया. इसके बाद अशोक गहलोत से लेकर सचिन पायलट तक ने दावा किया कि नई कैबिनेट में तमाम समीकरण साध लिए गए हैं. यह अलग बात है कि अंदरखाने की सच्चाई कुछ और ही है. बताते हैं कि मंत्रियों के विभागों का बंटवारा अब मुख्यमंत्री के लिए नया सिरदर्द बन गया है. 

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हाईकमान से संकटमोचक बनने की आस
गौरतलब है कि रविवार को शपथ लेने वाले 15 मंत्रियों में तीन मंत्रियों का प्रमोशन किया गया है. इसके अलावा बाकी का विभिन्न जाति-वर्ग को ध्यान में रखते हुए चयन किया गया. हालांकि अब विभाग के बंटवारे को लेकर समस्या गहराने लगी है. सूत्र बताते हैं कि इस गांठ को सुलझाने के लिए भी दिल्ली की तरफ देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उम्मीद है कि आलाकमान ने पूर्व में उन्हें जिस तरह से सियासी संकट से उबारा था, इस बार उनके लिए संकटमोचक बनेंगी.  

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विभागों के बंटवारे पर हो रही रार
असल में मंत्री पद पाने के बावजूद कई विधायक अभी भी संतुष्ट नहीं हैं. सचिन पायलट के करीबी विधायक बृजेंद्र सिंह ओला तो खुलेआम आपत्ति कर चुके हैं. चार बार के विधायक होने के बावजूद उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया, जबकि दो-दो बार के विधायकों के कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. बताते हैं कि उनकी आपत्ति के बाद उन्हें स्वतंत्र प्रभार से अच्छा विभाग देने की बात कहकर संतुष्ट कराया गया. सिर्फ ओला ही नहीं, कांग्रेस विधायक शाफिया जुबैर भी नाखुशी जाहिर कर चुके हैं. अलवर के विधायक टीकाराम जूली को मंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाते हुए एक अन्य विधायक जौहरी लाल मीणा ने उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. मीणा ने जूली को मंत्री बनाए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि हमारे अलवर जिले में हर कोई जानता है कि टीकाराम जूली एक भ्रष्ट आदमी हैं. इस लिहाज से देखें तो अशोक गहलोत का सिरदर्द कम होने के बजाय और बढ़ गया है. 

HIGHLIGHTS

  • कैबिनट गठन के बाद फंस रहा नया पेंच
  • विभागों के बंटवारे पर शुरू हो गई रार
  • समाधान के लिए नजरें फिर आलाकमान पर
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