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नसीरुद्दीन शाह ने कहा, देश में भयानक नफरत और क्रूरता भरी, मासूमों का हो रहा क़त्ल

बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने पिछले दिनों अपने बच्चों की सुरक्षा और मॉब लिंचिंग को लेकर दिए बयान दिया था.

Updated on: 04 Jan 2019, 10:32 PM

नई दिल्ली:

बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने पिछले दिनों अपने बच्चों की सुरक्षा और मॉब लिंचिंग को लेकर दिए बयान दिया था. इस बयान के बाद राजनीतिक खेमे में सियासी हलचल पैदा हो गई थी. पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भी नसीरुद्दीन के बयान के सहारे भारत पर निशाना साधा. अभी यह मामला ठंडा नहीं पड़ा था कि अभिनेता का एक और बयान सामने आया है. एमनेस्टी इंडिया ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि भारत में धर्म के नाम पर नफरत की दीवार फैलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि इस 'अन्याय' के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को सजा दी जा रही है. वीडियो में शाह ने कहा कि जिन लोगों ने मानवाधिकारों की मांग की उन्हें जेल में डाला जा रहा है. निर्दोषों की हत्या की जा रही है. देश भयानक नफरत और क्रूरता से भरा हुआ है.'

उन्होंने कहा, 'मजहब के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है. मासूमों का क़त्ल हो रहा है. पूरे मुल्क में जुल्म और नफरत का नाच जारी है. आवाज़ उठाने वालों को खमोश किया जा रहा है. क्या हमने ऐसे मुल्क के ख्वाब देखे है? क्या यहां अमीर और ताकतवर की आवाज़ सुनी जाती है?'

नसीरुद्दीन ने कहा, हमारे आजाद मुल्क का संविधान 26 नवंबर 1949 को ग्रहण किया गया. कलाकारों, अभिनेताओं, शोधार्थियों, कवियों सभी को दबाया जा रहा है.

अभिनेता ने कहा कि जो इस 'अन्याय' के खिलाफ खड़ा होता है उन्हें चुप कराने के लिए उनके कार्यालयों में छापे मारे जाते हैं, लाइसेंस रद्द किए जाते हैं और बैंक खाते फ्रीज किए जाते हैं ताकि सच न बोलें. वीडियो में उन्होंने कहा, 'हमारा देश कहां जा रहा है? क्या हमने ऐसे देश का सपना देखा था जहां असंतोष की कोई जगह नहीं है, जहां केवल अमीर और शक्तिशाली लोगों को सुना जाता है और जहां गरीबों तथा सबसे कमजोर लोगों को दबाया जाता है? जहां कभी कानून था लेकिन अब बस अंधेरा है.'

नसीरुद्दीन शाह के बयान पर एक्टर इमरान हाश्मी की प्रतिक्रिया सामने आई है. एक्टर ने कहा, 'जो मैं सोच रहा हूं वो मैं व्यक्त कर पा रहा हूं. हमारे देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी है. मैं विवाद से थोड़ा अनभिज्ञ हूं तो इस पर मेरे लिए बोलना थोड़ा गैर जिम्मेदाराना है.'

शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, 'मुझे नहीं लगता भारत में मानवाधिकार का हनन होता है. हमारे देश में लोकतंत्र है. मैं नसीरुद्दीन शाह की इज़्ज़त करता हूं और वह एक महान अभिनेता है.'

बता दें कि भारतीय सिनेमा के जाने-माने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर में गोकशी के शक में भड़की हिंसा के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर का जिक्र किया था. इस मामले पर टिपण्णी करते हुए अभिनेता ने कहा था कि इस्पेक्टर की हत्या से ज़्याद गाय की हत्या को महत्तव दिया जा रहा है. यू-ट्यूब पर 'कारवां-ए-मोहब्बत इंडिया' के कार्यक्रम में नसीरुद्दीन ने कहा था कि ये जहर फैल चुका है और इस जिन्न को दोबारा बोतल में बंद करना मुश्किल होगा. लोगों को कानून को अपने हाथों में लेने की छूट मिल गई है.

उन्होंने कहा, 'मुझे अपने बच्चों की फ्रिक होती है. अगर कल कोई भीड़ ने उन्हें घेर लिया और पूछा कि तुम हिंदू हो या मुसलमान तो उनके पास कोई जवाब नहीं होगा. क्योंकि उनका मजहब ही नहीं है. हमने अपने बच्चों को मजहबी तालीम बिल्कुल नहीं दी.' नसीरुद्दीन अपने इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर निशाना यूजर्स के निशाने पर आ गये. कुछ यूजर्स ने अभिनेता को गद्दार दिया, जिसके बाद शाह ने बयान दिया.