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2 महीने के बाद फिर भारत और चीन के बीच 11वें दौर की सैन्य वार्ता

पैंगोंग डिसइंगेजमेंट के बाद, दोनों देशों ने गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग जैसे अन्य तनाव बिंदुओं पर डिसइंगेजमेंट की योजना बनाई है. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, महत्वपूर्ण यह है कि गर्मियों की शुरूआत से पहले, पीछे हटने पर चर्चा की जाए.

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Ravindra Singh
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भारत चीन वार्ता( Photo Credit : फाइल)

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भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में अगले चरण में सैनिकों के पीछे हटने के सिलसिले में मतभेदों को दूर करने के लिए चुशुल में शुक्रवार को कोर्प्स कमांडर स्तर के 11वीं दौर के वार्ता का आयोजन करेंगे. लगभग दो महीने के अंतराल के बाद, दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की बात फिर से हो रही है. इस बार वार्ता का मुख्य बिंदु अन्य विवादित क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट होगा. पैंगोंग डिसइंगेजमेंट के बाद, दोनों देशों ने गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग जैसे अन्य तनाव बिंदुओं पर डिसइंगेजमेंट की योजना बनाई है. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, महत्वपूर्ण यह है कि गर्मियों की शुरूआत से पहले, पीछे हटने पर चर्चा की जाए.

दोनों पक्षों को चीजों को आसान बनाने के लिए वास्तविक पोजिशन तक पीछे हटने की जरूरत है. 20 फरवरी को, भारतीय और चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव को कम करने के लिए 10वें दौर की सैन्य वार्ता की थी. भारतीय सैन्य प्रतिनिधियों का नेतृत्व लेह में स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया. आपको बता दें कि इसके पहले गलवान घाटी में बीते साल हिंसक संघर्ष के बाद जारी तनाव के बीच भारत और चीन के बीच 10वें दौर की सैन्य वार्ता चली थी.

इसके पहले वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ मोल्दो सीमा क्षेत्र में हुई थी. इसमें चर्चा का मुख्य बिंदु पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोग्रा और डेपसांग जैसे क्षेत्रों से भी सैन्य वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रहा. पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर से भारत और चीन के सैनिकों, अस्त्र-शस्त्रों तथा अन्य सैन्य उपकरणों को हटाए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के दो दिन बाद कोर कमांडर स्तर की 10वें दौर की यह वार्ता हुई.

इसके पहले चुशूल में हुई थी 10वें दौर की बैठक
चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक के दसवें दौर के बारे में एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि बैठक 20 फरवरी को चीन की तरफ मोल्दो/चुशुल सीमा आयोजित की गई थी. बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को हटाने पर पूरी तरह से सकारात्मक रूप से स्वीकार किया. यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसने पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ अन्य शेष मुद्दों के समाधान के लिए एक अच्छा आधार प्रदान किया.

अब यहां से हटेगी सेना
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत इस दौरान क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग जैसे क्षेत्रों से भी तेज गति से सैन्य वापसी पर जोर देगा. दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध को नौ महीने हो गए हैं. समझौते के बाद दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है. साथ ही अस्त्र-शस्त्रों, अन्य सैन्य उपकरणों, बंकरों एवं अन्य निर्माण को भी हटा लिया है. सूत्रों ने कहा कि 10वें दौर की वार्ता में चर्चा का मुख्य बिंदु अन्य इलाकों से भी वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का है. दोनों पक्ष इसके लिए तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए वार्ता कर रहे हैं.

HIGHLIGHTS

  • दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता
  • गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग जैसे बिन्दुओं पर वार्ता
  • 20 फरवरी को हुई थी दोनों देशों में हुई थी वार्ता
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