मेघालय से AFSPA हटाया गया, अरुणाचल में 8 पुलिस स्टेशनों तक सीमित

केंद्र सरकार ने उत्तर पूर्व राज्य मेघालय से आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट (आफस्पा) को पूरी तरह हटा दिया है साथ ही अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों से इसे हटाया गया है।

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
मेघालय से AFSPA हटाया गया, अरुणाचल में 8 पुलिस स्टेशनों तक सीमित

मेघालय से आफस्पा को हटाया गया (फाइल फोटो)

केंद्र सरकार ने उत्तर पूर्व राज्य मेघालय से आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट (आफस्पा) को पूरी तरह हटा दिया है साथ ही अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों से इसे हटाया गया है।

Advertisment

मेघालय के सभी इलाकों से सुरक्षा बल को विशेष शक्ति देने वाले इस अधिनियम को 31 मार्च से ही हटा लिया गया।

आफस्पा अशांत क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व नोटिस के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और ऑपरेशन चलाने की विशेष इजाजत देता है।

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, राज्य में सुरक्षा स्थितियों में हुए अभूतपूर्व सुधारों के कारण यह निर्णय लिया गया है।

अधिकारी ने कहा, अरुणाचल प्रदेश में इस अधिनियम के अंदर असम सीमा के तहत आने वाले 16 पुलिस स्टेशनों के इलाकों से घटाकर 8 पुलिस स्टेशन तक कर दिया गया है।

आफस्पा को अरुणाचल के तीन पूर्वी जिलों में छह महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है। इन जिलों में तिरप, लोंगडिंग और चांगलांग शामिल हैं, जिनकी सीमा म्यांमार और आठ पुलिस थानों के तहत असम की सीमा के सात अन्य जिलों से लगती है। तीनों जिले जनवरी 2016 से अफस्पा के तहत हैं।

अधिकारी ने कहा कि त्रिपुरा से यह अधिनियम 2015 में हटा लिया गया था और बीते एक साल में पूर्वोत्तर के कुछ इलाके इस अधिनियम के तहत हैं। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम मेघालय में सिर्फ असम से लगे 20 किमी इलाके में लागू है और मिजोरम में यह प्रभावी नहीं है।

बता दें कि उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर से आफस्पा को हटाने की मांग कई संगठनों की तरफ से की जा रही है। इन संगठनों का मानना है कि सुरक्षा बलों को नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई की पूरी शक्ति मिल जाती है।

नागालैंड में आफ्स्पा कई दशकों से लगी है वहीं असम में 1990 के दशक के शुरुआत से लगी हुई है।

क्या है आफस्पा:

अफस्पा सेना और केंद्रीय सुरक्षा बलों को 'अशांत क्षेत्रों' में कानून का उल्लंघन करने पर किसी को भी मारने, बिना वारंट के तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने की शक्ति देता है और केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना अभियोजन और कानूनी मुकदमे से बलों को सुरक्षा प्रदान करता है।

यह पूरे नागालैंड, असम, मणिपुर (इंफाल के सात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़कर) में प्रभावी है। असम और मणिपुर की राज्य सरकारों के पास अब इस अधिनियम को बनाए रखने या रद्द करने की शक्तियां हैं।

गौरतलब है कि मणिपुर में इरोम शर्मीला ने आफ्सपा के खिलाफ 16 साल तक अनशन किया था। काफी लंबे समय से इस अधिनियम को हटाने की मांग की जा रही है। स्थानीय लोग अक्सर इस अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे हैं।

और पढ़ें: बंगाल पंचायत चुनाव से पहले TMC-BJP कार्यकर्ता भिड़े, एक की मौत

HIGHLIGHTS

  • मेघालय में 31 मार्च से ही पूरे राज्य से इस कड़े अधिनियम को हटा लिया गया
  • अरुणाचल प्रदेश में आफस्पा को 8 पुलिस स्टेशन तक कर दिया गया है
  • लंबे समय से उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर से आफस्पा को हटाने की मांग जारी

Source : News Nation Bureau

Arunachal Pradesh jammu-kashmir security forces nagaland Meghalaya AFSPA
      
Advertisment