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नगालैंड में 6 महीने के लिए बढ़ा अफस्पा, अशांत क्षेत्र घोषित

नगालैंड में 6 महीने के लिए बढ़ा अफस्पा, अशांत क्षेत्र घोषित

Updated on: 30 Dec 2021, 01:00 PM

नई दिल्ली:

नागालैंड में सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (अफस्पा) की समीक्षा के लिए समिति गठित करने के कुछ दिनों बाद, केंद्र ने गुरुवार को पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया और अफस्पा को अगले साल 30 जून तक पूरे राज्य में बढ़ा दिया।

गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार की राय है कि पूरे नागालैंड राज्य को मिलाकर पूरा क्षेत्र इतना अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि नागरिकों की सहायता के लिए सशस्त्र बलों के उपयोग की आवश्यक है।

अधिसूचना के अनुसार, अब इसलिए, सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम, 1958 (1958 की संख्या 28) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार एतद्दवारा घोषित करती है कि संपूर्ण नागालैंड राज्य को उक्त अधिनियम के प्रयोजन के लिए, 30 दिसंबर, 2021 से छह महीने की अवधि के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया जाता है।

अफस्पा सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के ऑपरेशन करने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। अगर वे किसी को गोली मारते हैं तो यह बलों को प्रतिरक्षा भी प्रदान करता है।

इस महीने की शुरूआत में मोन जिले में सेना की एक इकाई द्वारा 14 नागरिकों को विद्रोही समझकर मारे जाने के बाद से नागालैंड के कई जिलों में अफस्पा को वापस लेने के लिए विरोध प्रदर्शनों के बीच यह कदम उठाया गया है।

23 दिसंबर को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागालैंड में वर्तमान परि²श्य पर चर्चा करने के लिए नागालैंड, असम के मुख्यमंत्रियों और राज्यों और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की और अफस्पा को वापस लेने पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने का निर्णय लिया था। समिति को 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी थी।

नागालैंड विधानसभा ने हाल ही में इस अधिनियम को हटाने के लिए एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया है और यह उम्मीद की जा रही थी कि केंद्र स्थानीय लोगों के बीच भारी आक्रोश को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में अफस्पा के अधिकार क्षेत्र को सीमित कर सकता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.