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चरमराती अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की कोशिश कर रहा अफगानिस्तान का केंद्रीय बैंक

चरमराती अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की कोशिश कर रहा अफगानिस्तान का केंद्रीय बैंक

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IANS
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Afghanitan central

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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तालिबान के अधिग्रहण के बाद से अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट आ रही है, क्योंकि दुनिया ने इसके लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं।

तालिबान के कब्जे के बाद से देश के केंद्रीय बैंक दा अफगानिस्तान बैंक की संपत्ति जब्त करने के साथ-साथ सभी प्रकार की सहायता और फंड भी बंद कर दिए गए हैं।

देश की मुद्रा में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग 12 प्रतिशत की गिरावट के साथ, अफगानिस्तान का केंद्रीय बैंक देश के आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई (मुद्रास्फीति) को हल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

संकट के पीछे मुख्य कारकों में देश से विदेशी ताकतों की जल्दबाजी में वापसी है। विदेशी सहायता के बंद होने के साथ, देश की अर्थव्यवस्था लगातार पतन पर है और कीमतों में बढ़ोतरी के साथ बुनियादी वस्तुएं तेजी से आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही हैं।

देश के केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उसने विदेशी एक्सचेंज डीलरों, वाणिज्यिक बैंकों के प्रतिनिधियों और बिजनेस सेक्टर के साथ कई बैठकें की हैं, ताकि इसे अफगान मुद्रा की गिरावट को नियंत्रित किया जा सके।

केंद्रीय बैंक ने कहा, अपनी रणनीतिक योजना नीतियों के आधार पर, दा अफगानिस्तान बैंक ने हमेशा अस्थिरता से बचने की कोशिश की है, जो लोगों की क्रय शक्ति के लिए हानिकारक हो सकती है।

अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, सरकार के आर्थिक आयोग को अफगान मुद्रा की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।

सोमवार को अफगान मुद्रा, जो काबुल के पतन से पहले अमेरिकी डॉलर के लगभग 77 और एक सप्ताह पहले 97 पर थी, काबुल के सराय शहजादा मुद्रा बाजार (मनी मार्केट) में सुबह 112 से गिरकर दोपहर तक 125 पर पहुंच गई।

सराय शहजादा मुद्रा बाजार के एक डीलर ने कहा, इस्लामिक अमीरात ने कहा था कि वह डॉलर को नीचे लाएगा।

अफगानिस्तान की मुद्रा अफगानी के पतन ने पहले से ही दैनिक जरूरत की वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित किया है क्योंकि वस्तुओं की बढ़ती कीमतें पहले ही एक ऐसी अर्थव्यवस्था की पहुंच से बाहर हो गई हैं, जहां बेरोजगारी व्यापक है। इसके अलावा जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं, उन्हें महीनों से अपना मेहनताना नहीं मिल पा रहा है।

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, कम से कम 98 प्रतिशत अफगान पर्याप्त भोजन नहीं कर रहे हैं और 10 में से कम से कम सात परिवार उधार के सहारे अपने भोजन का जुगाड़ कर रहे हैं।

तालिबान के अधिग्रहण के बाद से अमेरिकी प्रतिबंधों के डर से दुनिया की वित्तीय प्रणाली ने अफगानिस्तान से दूरी बना ली है। अफगानिस्तान में बैंकिंग प्रणाली आंशिक रूप से चालू है, जबकि केंद्रीय बैंक के भंडार में कम से कम 9 अरब डॉलर अफगानिस्तान के बाहर अवरुद्ध (ब्लॉक) हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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