काबुल से भारत पहुंचा विमान, भारतीयों के दूसरे दल में नेपाली भी शामिल
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के नागरिका वहां फंसे हुए हैं
नई दिल्ली:
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के नागरिका वहां फंसे हुए हैं. यही वजह है कि सारे राष्ट्र अफगानिस्तान में अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. इसके साथ ही सभी वहां से अपने नागरिकों को निकालने का अभियान भी चला रहे हैं. इस बीच भारतीय वायु सेना का एक विमान C-17 काबुल से भारतीयों के दूसरे दल को लेकर भारत पहुंच गया है. इस विमान में 87 भारतीयों के साथ दो नेपाली नागरिक भी शामिल हैं. इंडियन एयरफोर्स का यह विमान काबुल से तजाकिस्तान होते हुए दिल्ली पहुंचा है. इस तरह से भारत सरकार ने अफगानिस्तान से अब तक 168 लोगों को एयरलिफ्ट कराया है. आपको बता दें कि भारत ने अफगानिस्तान से भारतीयों को वापस लाने का अभियान तेज कर दिया है. इससे पहले भारतीय विमान 129 लोगों को लेकर स्वदेश लौटा था.
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भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का एक परिवहन विमान रविवार सुबह हिंदू और सिख समुदायों के कुछ प्रतिष्ठित अफगान नेताओं सहित 168 यात्रियों को लेकर यहां हिंडन हवाई अड्डे पर पहुंचा. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने यह भी पुष्टि की कि इस निकासी के माध्यम से 107 भारतीयों को वापस लाया गया है. सूत्रों ने कहा कि यह आशंका है कि तालिबान मिलिशिया अफगान जन प्रतिनिधियों को भारतीय वायुसेना की उड़ान लेने से रोक सकती थी, पूरी योजना को तब तक गुप्त रखा गया जब तक कि अफगानिस्तान से विमान ने उड़ान नहीं भरा. भारी भीड़ के कारण आईएएफ विमान काबुल हवाई अड्डे पर मंजूरी का इंतजार कर रहा था क्योंकि कई देशों ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए अपने सैन्य विमान भेजे हैं.
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एक अधिकारी ने बताया, "अमेरिकी अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है और वे युद्धग्रस्त देश से हवाई संचालन का प्रबंधन कर रहे हैं. इस भारी भीड़ में, एक विमान के लिए एक स्लॉट तैयार करना और निकासी उड़ान के लिए एक सुरक्षित हवाई मार्ग का निर्धारण भी एक प्रमुख चुनौती बन गया है." 15 अगस्त, 2021 को तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद फंसे हुए भारतीय और अफगान नागरिकों को वापस लाने के लिए भारतीय अधिकारियों द्वारा की गई यह दूसरी निकासी थी. पहला हवाई बचाव अभियान 17 अगस्त को किया गया था. सरकार उन भारतीयों और अफगान सिख और हिंदू समुदायों के नेताओं को वापस लाने के लिए सभी प्रयास कर रही है, जिन्हें तालिबान द्वारा प्रताड़ित किए जाने की आंशका है.
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