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नकद निकासी पर रोक के बीच अफगान नागरिकों का बैंकों से उठ रहा भरोसा

नकद निकासी पर रोक के बीच अफगान नागरिकों का बैंकों से उठ रहा भरोसा

Updated on: 05 Nov 2021, 09:30 PM

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान के लोगों का अपने ही देश के बैंकों से विश्वास उठ चुका है। टोलो न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि काबुल के कुछ निवासी कह रहे हैं कि वे अब अपना पैसा देश के बैंकों में नहीं रखना चाहते।

उन्होंने कहा है कि वे अपने पहले जमा किए गए सभी धन को निकाल लेंगे। पूर्व सरकार के पतन के बाद से अफगानों को बैंकों से अपना पैसा निकालने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और अब उनका कहना है कि वे अपनी धनराशि बैंकों में जमा नहीं कराना चाहते।

रिपोर्ट के अनुसार, काबुल निवासी नूरुल्ला ने कहा, हम अपने पैसों की बचत के लिए इन्हें बैंकों में रखते थे, लेकिन इस समय वे हमें समय पर भुगतान नहीं कर रहे हैं। बैंकों ने लोगों के बीच विश्वास खो दिया है, हम अब बैंकों में अपना पैसा जमा नहीं करना चाहते।

इस बीच, कई अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि अगर बैंकिंग प्रणाली इस दर पर जारी रहती है, तो बैंक अपनी सेवाएं प्रदान नहीं कर पाएंगे और इसका देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

एक आर्थिक विश्लेषक वहाब काती ने कहा, अगर हर कोई अपना पैसा दूसरे देशों में स्थानांतरित करता है, तो फिर क्या बचेगा? बैंक एक आर्थिक संरचना है - जब हम बैंकों में अपना पैसा जमा करते हैं तो इसका इस्तेमाल निवेश के लिए किया जाता है।

अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने हाल ही में एक बयान में कहा कि निजी और सार्वजनिक बैंकों को ग्राहकों के पैसे निकालने की सीमा बढ़ाकर 400 डॉलर प्रति सप्ताह करनी चाहिए।

लेकिन कुछ निवासियों ने कहा कि यह राशि अभी भी पर्याप्त नहीं है।

काबुल निवासी रहनावार्ड ने कहा, वे बैंकों में जितना अधिक लोगों के पैसे को रोकते हैं, बैंकों के बारे में लोगों में उतना ही विश्वास कम होगा और व्यवसायी अपनी पूंजी को देश से बाहर ले जाएंगे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.