काबुल शहर में मंगलवार रात अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह मुहम्मदी के आवास के पास विस्फोटकों से लदी एक कार में विस्फोट हो गया।
स्थानीय मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि चूंकि विस्फोट के समय मुहम्मदी आवास पर नहीं थे, इसलिए न तो उन्हें और न ही उनके परिवार के सदस्यों को कोई नुकसान पहुंचा है।
अफगान कार्यवाहक रक्षा मंत्री ने एक वीडियो क्लिप में पुष्टि की कि वह और उनके परिवार के सदस्य सुरक्षित हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि उनके कई अंगरक्षक घायल हो गए।
मुहम्मदी ने अपने वीडियो क्लिप में कहा, पिशाच द्वारा इस तरह के हमलों से अफगान लोगों और मेरे देश की रक्षा करने में मेरा मनोबल कमजोर नहीं होगा।
इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विस्फोट की आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई दी, जिसके बाद आवास के गाडरें और घर में घुसे बंदूकधारियों के बीच मुठभेड़ हुई।
आंतरिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइस स्टानिकजई ने कहा कि बंदूकधारियों के घर में घुसने और वहां पर तैनात पुलिस विशेष बलों से लड़ने के करीब चार घंटे बाद मुठभेड़ खत्म हो गई।
स्टानिकजई ने हालांकि मारे गए हमलावरों की संख्या का खुलासा नहीं किया। वहीं पुलिस ने कहा है कि उन्होंने तीन बंदूकधारियों को मार गिराया।
हमलावरों ने 80 लोगों को बंधक बना लिया था जिन्हें बाद में पुलिस विशेष बलों ने बचा लिया था।
हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है।
इस बीच, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान हिंसा में वृद्धि, तालिबान द्वारा व्यापक मानवाधिकार उल्लंघन और अफगानिस्तान में सक्रिय विदेशी आतंकवादी समूहों के बारे में बात की।
अतमार ने अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक विशेष सत्र आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया। अफगान विदेश कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि भारत वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रोटेटिंग (घूर्णन) अध्यक्षता कर रहा है।
अतमार ने अफगान लोगों पर तालिबान के क्रूर हमलों में अभूतपूर्व वृद्धि पर चर्चा की, जिसके परिणामस्वरूप कई नागरिक मारे गए और कई हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
अतमार ने तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में विदेशी लड़ाकों और आतंकवादी समूहों की मिलीभगत से किए गए अपने हालिया हमलों में युद्धक अपराधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन्हें अंतराष्र्ट्ीय मानवीय कानून का प्रमुख उल्लंघन बताया और विनाशकारी परिणामों की चेतावनी दी।
क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि पर अफगान युद्ध के विनाशकारी परिणामों को देखते हुए, विदेश मंत्री ने अपने भारतीय समकक्ष के साथ अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक बुलाने के संबंध में काबुल के प्रस्ताव को उठाया, जिसमें विशेष रूप से हिंसा की तत्काल समाप्ति और शांति वार्ता की सफलता शामिल है।
भारतीय विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान में तालिबान और आतंकवादियों द्वारा हिंसा, असुरक्षा और मानवाधिकारों के स्पष्ट उल्लंघन के बढ़ने पर गहरी चिंता व्यक्त की।
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के आयोजन को मानवाधिकारों के हनन की तत्काल समाप्ति और अफगानिस्तान और क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने अफगानिस्तान के प्रस्ताव की समीक्षा करने और आवश्यक परामर्श करने के लिए अपने देश की प्रतिबद्धता के लिए मंत्री अतमार को आश्वस्त किया।
दोनों पक्षों ने दोहा में अफगान शांति प्रक्रिया पर आगामी बैठकों में एजेंडे और भागीदारी के स्तर पर भी चर्चा की।
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Source : IANS