अफगान राजदूत ने भारत में कहा, अप्रैल से 3600 लोग मारे गए, 1000 सैनिक शहीद
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत, फरीद ममुंडजाय ने बताया कि अप्रैल से अब तक हमलों 3,600 से अधिक लोग मारे गए हैं. उन्होंने आगे बताया कि इस दौरान करीब 1000 सैनिक भी शहीद हुए हैं जबकि 3000 से अधिक लोग इस दौरान घायल भी हुए हैं.
highlights
- पाकिस्तानी शूराओं की मौजूदगी चिंता का विषय
- अफगान राजदूत ने बयां की अफगान की दास्तां
- भारत तालिबान पर बातचीत का दबाव बना सकता है
नई दिल्ली :
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत, फरीद ममुंडजाय (Farid mamundzay) ने बताया कि अप्रैल से अब तक हमलों 3,600 से अधिक लोग मारे गए हैं. उन्होंने आगे बताया कि इस दौरान करीब 1000 सैनिक भी शहीद हुए हैं जबकि 3000 से अधिक लोग इस दौरान घायल भी हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम जो मानव जीवन की कीमत चुका रहे हैं वो बेशकीमती है. अफगानी राजदूत फरीद ने आगे बताया कि भारत सरकार वाणिज्य दूतावासों की उपस्थिति और लोगों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेती हैं. उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल हमें कोई तत्कालिक खतरा यहां पर नहीं दिखाई दे रहा है और ना ही भारतीय वाणिज्य दूतावास बंद करने पर ऐसी कोई बातचीत हुई है.
अफगानी राजदूत, फरीद ममुंडजाय भारत में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि, भारत एक प्रमुख भागीदार रहा है. यह अन्य देशों के साथ मिलकर हमारी शांति प्रक्रिया में रचनात्मक भूमिका निभा सकता है. भारत तालिबान को बातचीत के लिए अन्य देशों को भी साथ लाकर अपना दबाव बना सकता है. उन्होंने आगे कहा कि हम अंधकार युग की ओर नहीं जा रहे हैं. हमें यह याद रखने की जरूरत है कि 40+ नाटो सदस्य देश आतंकवाद के खिलाफ युद्ध लड़ रहे थे. उनकी वापसी के बाद, यह उम्मीद की जा रही थी कि हम एक कठिन दौर से गुजरेंगे.
India has been a major partner. It can play a constructive role in our peace process, together with other regional actors. India can utilise its convening power to put more pressure on the Taliban through diplomatic channels to come to the negotiating table: Afghan envoy to India pic.twitter.com/ePbq4BH8tY
— ANI (@ANI) July 9, 2021
भारत में अफगान दूत ने बताया कि हमने हमेशा कहा है कि पाकिस्तान में शूराओं की मौजूदगी हमारे लिए बहुत चिंता का विषय रही है। उनके परिवार अभी भी वहीं रहते हैं. उनके पास वर्तमान में पाकिस्तान में मौजूद समर्थन और बुनियादी ढांचा है, हम इसे बदलना चाहते हैं. आपको बता दें कि हाल में एक मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि कैसे भारत कई देशों की वैध सुरक्षा चिंताओं के अनुरूप तालिबान की आतंकी गतिविधियों को बेअसर करने में रचनात्मक भूमिका निभा सकता है.
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