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डेंगू मामला: गुरुग्राम फोर्टिस अस्पताल पर कसा शिकंजा, ब्लड बैंक और फार्मेसी के लाइसेंस हुए रद्द

स्वास्थ्य विभाग ने फोर्टिस पर शिकंजा कस अस्पताल का ब्लड बैंक लाइसेंस को सस्पेंस कर दिया गया है।

Updated on: 01 Jan 2018, 03:06 PM

नई दिल्ली:

गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में सात साल की बच्ची की डेंगू से मौत होने के बाद परिजनों को 16 लाख का बिल थमा दिय था। इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग ने शिकंजा कस अस्पताल का ब्लड बैंक लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि अस्पताल के ब्लड बैंक में 32 प्रकार की कमियां पाई गई है और इसके साथ ही ज्यादा पैसा वसूलने की भी शिकायत सामने आई थी।

ज्यादा पैसा वसूलने के मामले में दोषी पाए जाने पर अस्पताल का पहले ही ड्रग लाइसेंस रद्द किया जा चुका है। अस्पताल की ओर से लाखों का बिल थमने के बाद सरकार ने जांच के निर्देश दिए थे।

हरियाणा स्टेट ड्रग कंट्रोलर ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1945 के तहत फोर्टिस अस्पताल के ब्लड बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया।

आद्या केस में ब्लड यूनिट के लिए तय रेट से कई गुणा ज्यादा पैसे अस्पताल ने वसूले। ब्लड बैंक में ब्लड ट्रांसफ्यूजन ऑफिसर (बीटीओ) के बजाए एक नर्स इसका संचालन करती नजर आईं।

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ब्लड बैंक में धूप आ रही थी और धूल के कण भी मौजूद थे। ब्लड बैंक दूसरी लैब के साथ न होकर अलग होनी चाहिए लेकिन अस्पताल में दूसरी लैब का रास्ता ब्लड बैंक लैब के अंदर से जाता था।

फोर्टिस अस्पताल के कई रिकॉर्ड में भी गंभीर कमियां पाई गई। स्टेट ड्रग कंट्रोलर नरेंद्र आहूजा ने बताया कि जिस व्यक्ति के नाम पर ड्रग लइसेंस जारी किया गया असल में वह अस्पताल में काम नहीं करता है। मरीजों को लिखी जाने वाली दवाई को किस डॉक्टर ने लिखा है यहां तक कि इसका रिकॉर्ड भी गायब है।अस्पताल का ड्रग्स लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया है।

फोर्टिस अस्पताल में आईसीयू में डेंगू से जूझ रही आद्या की 14 सितम्बर को मौत हो गई थी और अस्पताल ने माता-पिता को 20 पन्नों का 16 लाख का बिल थमा दिया था।

आद्या को करीब दस दिनों तक लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। अस्पताल ने 1600 ग्लव्स , 660 सिरिंज और कई

14 सितंबर को परिवार ने मेडिकल सलाह के खिलाफ जाकर बच्ची को अस्पताल से ले जाने का फैसला लिया और उसी दिन बच्ची की मौत हो गई। आद्या के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि अस्पताल ने उनकी बेटी को इलाज के दौरान प्रतिक्रियाहीन रहने पर भी तीन दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा।

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