सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अशोक भूषण से नोंकझोंक के बाद मुस्‍लिम पक्ष के वकील ने माफी मांगी

मुस्‍लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने जस्टिस भूषण से कहा कि आपका लहजा मुझे आक्रामक लगा और उस समय मैं डर गया था.

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Sunil Mishra
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सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अशोक भूषण से नोंकझोंक के बाद मुस्‍लिम पक्ष के वकील ने माफी मांगी

जस्टिस अशोक भूषण से नोकझोंक के बाद राजीव धवन ने माफी मांगी

अयोध्‍या विवाद की सुनवाई के दौरान गुरुवार को जब सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर चर्चा चल रही थी कि क्या केंद्रीय गुम्बद में हिंदू पूजा करते रहे या नहीं, तभी जस्टिस अशोक भूषण ने एक गवाह राम सूरत तिवारी के बयान का हवाला दिया. बयान के मुताबिक, वो 12 साल की उम्र से अपने पिता के साथ ( 1935 से) अयोध्या जाता रहा है. उसने 1949 तक गर्भगृह के अंदर मूर्ति और तस्वीर को देखा था. जस्टिस भूषण का कहना कि ऐसे में आपका ये कहना कि केंद्रीय गुम्बद में हिदुओं की ओर से पूजा की दलील के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं है, ठीक नहीं होगा.

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इस पर राजीव धवन ने कहा कि यह कोई विश्वसनीय बयान नहीं है. कोर्ट ने कहा कि किस सबूत को कैसे लिया जाए, यह कोर्ट पर छोड़ दीजिए. इस पर मुस्‍लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने जस्टिस भूषण से कहा कि आपका लहजा मुझे आक्रामक लगा और उस समय मैं डर गया था.

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इस पर रामलला की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन ने धवन को टोका और कहा कि उन्हें बेंच को लेकर ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. जस्टिस चंद्रचूड़ ने बीच में टोकते हुए कहा कि बेंच की ओर से सवाल इसलिए पूछे जाते हैं, ताकि स्पष्टता रहे और हम आपकी दलील को बेहतर तरीके से समझ सकें. इसके बाद राजीव धवन ने बेंच से माफी मांग ली.

Source : अरविंद सिंह

Ayodhya Case ram-mandir Justice Ashok Bhushan Rajiv Dhawan
      
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