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राजनीतिक बहस का केंद्र बने अदनान सामी, ट्विटर पर कांग्रेस के साथ विवाद

नागरिकता कानून की आवश्यक शर्तों को पूरा करने वाला हर व्यक्ति भारतीय नागरिक बन सकता है.

Updated on: 27 Jan 2020, 09:50 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी पद्मश्री के लिए चुने जाने को लेकर सोमवार को राजनीतिक बहस का केंद्र बने रहे. एक ओर सत्तारूढ़ भाजपा और लोजपा ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए सर्वाधिक योग्य करार दिया, वहीं दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस ने पुरस्कार दिए जाने के आधार पर सवाल उठाए और राकांपा ने इसे अपमान बताया. राजनीतिक दलों में 2016 में भारतीय नागरिक बने सामी के भारत में योगदान को लेकर बहस छिड़ गयी. सामी ने इस पुरस्कार के लिए उन्हें चुने जाने को लेकर रविवार को आभार व्यक्त किया था और अपने आलोचकों पर भी निशाना साधा. संगीतकार एवं गायक के तौर पर हिंदी फिल्म संगीत क्षेत्र में करियर बनाने वाले 46 वर्षीय सामी की कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल के साथ ट्विटर पर बहस छिड़ गई. दरअसल, शेरगिल ने ट्विटर पर कहा था कि सामी को चाटुकारिता करने के कारण पुरस्कार के लिए चुना गया.

इस टिप्पणी से नाराज सामी ने ट्वीट किया, हे बच्चे, क्या आपको दिमाग 'क्लीयरेंस सेल' से या ‘सेकेंड हैंड नॉवेल्टी स्टोर’ से मिला है? क्या तुम्हें बर्कले में यही सिखाया गया है कि एक बेटे को उसके माता-पिता के कामों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए या सजा दी जानी चाहिए? और आप एक वकील हैं? लॉ स्कूल में क्या सीखा है? इसके साथ ही शुभकामनाएं. कई आलोचकों ने 1965 के युद्ध में भारत के खिलाफ लड़ने वाले पाकिस्तानी वायुसेना के पायलट के बेटे सामी को सम्मानित करने को लेकर सरकार पर सवाल उठाए. भगवा पार्टी ने सामी को पद्मश्री के लिए चुने जाने के फैसले की आलोचना करने को लेकर विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए कहा कि वे सिर्फ उन मुसलमानों को पसंद करते हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सेना, उच्चतम न्यायालय और देश के लोकतंत्र की आलोचना करते हैं. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया, वे (विपक्षी पार्टियां) देशद्रोहियों को स्वीकार करते हैं और अच्छे मुसलमानों से किनारा करते हैं.

पात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि इतालवी तानाशाह मुसोलिनी और जर्मनी के हिटलर के शासन से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पिता जुड़े हुए थे. उन्होंने सामी के पिता की पृष्ठभूमि पाकिस्तानी वायुसेना के एक अधिकारी की होने को लेकर आलोचना का जवाब देने की कोशिश के तहत यह बात कही. उन्होंने कहा कि यदि उनके (सामी के) पिता की पृष्ठभूमि को कुछ उदारवादियों द्वारा उनके खिलाफ रखा जाता है और विपक्षी दल उन्हें पद्म पुरस्कार देने की आलोचना करता है, तब कांग्रेस को यह जवाब देना चाहिए कि (सोनिया) गांधी को भारतीय नागरिकता क्यों दी गई? गांधी परिवार पर भाजपा के इस आरोप पर कांग्रेस की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. पात्रा ने कहा, अदनान सामी अत्यधिक हकदार हैं और उन्हें उनकी काबिलियत को लेकर पद्मश्री दिया गया. वह न सिर्फ एक मशहूर गायक हैं बल्कि दुनिया के सर्वाधिक तेज पियानोवादक और विश्व भर में वाहवाही बटोरने वाले संगीतकार हैं.

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उन्होंने कहा कि सामी एल्टन जॉन, मडोना और रोलिंग स्टोन की तरह वेम्बली स्टेडियम में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं. पात्रा ने कहा कि सामी ने 2003 के विश्व कप के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक गीत गाया था जबकि उस वक्त वह एक पाकिस्तानी नागरिक थे. उन्हें पहले भी संगीत पुरस्कार दिया जा चुका है और कांग्रेस के कई नेताओं ने भारत में उनकी नागरिकता अर्जी का समर्थन किया था. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए जम्मू निवासी के रूप में सामी की मां नौरीन खान की पृष्ठभूमि का भी जिक्र किया. पात्रा ने कहा कि क्या यह पार्टी (कांग्रेस) इस क्षेत्र की मुस्लिम महिलाओं का सम्मान नहीं करती है. भाजपा सहयोगी एवं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने गायक अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि गायक ने अपनी प्रतिभा से भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई है.

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लोक जनशक्ति पार्टी के नेता ने इस फैसले की निंदा किए जाने को गलत ठहराते हुए कहा, ‘सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, उन्हें 2016 में भारतीय नागरिकता दी गई थी. उन्होंने अपनी प्रतिभा से भारत की प्रतिष्ठा और सम्मान बढ़ाया है. मैं पद्मश्री से सम्मानित किए जाने पर उन्हें बधाई देता हूं.’ पासवान ने कहा, ‘प्रसिद्ध गायक को पुरस्कार दिए जाने का विरोध करने वालों को भारतीय नागरिकता कानून की जानकारी नहीं है. भारतीय नागरिकता का धर्म से कोई संबंध नहीं है. नागरिकता कानून की आवश्यक शर्तों को पूरा करने वाला हर व्यक्ति भारतीय नागरिक बन सकता है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सरकार के इस फैसले को 130 करोड़ भारतीयों का अपमान तथा सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर पर सवालों का सामना कर रही राजग सरकार की नुकसान की भरपाई का कृत्य करार दिया. महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विकास मंत्री और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने चुटीले अंदाज में कहा कि अब कोई भी पाकिस्तानी गायक ‘जय मोदी’ का नारा लगाकर भारत की नागरिकता ले सकता है.

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लंदन में पाकिस्तान वायु सेना के एक पूर्व अधिकारी के यहां जन्मे सामी ने 2015 में भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था और वह जनवरी 2016 में भारत के नागरिक बन गये थे. शनिवार को पद्मश्री पुरस्कार के लिए घोषित 118 लोगों की सूची में उनका भी नाम है. गृह मंत्रालय की सूची में उनका गृह राज्य महाराष्ट्र बताया गया है. मलिक ने कहा, अगर पाकिस्तान से आकर कोई ‘जय मोदी’ का नारा लगाता है तो वह भारत की नागरिकता और पद्मश्री पुरस्कार भी प्राप्त कर सकता है. पुरस्कार के लिए सामी का चयन नुकसान की भरपाई की कवायद है. बाद में राकांपा नेता ने ट्वीट किया कि भारत के अनेक मुस्लिम इस पुरस्कार के हकदार हैं. उन्होंने ट्वीट किया, अदनान सामी को प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार प्रदान करना 130 करोड़ भारतीयों का अपमान है. राजग सरकार सीएए, एनआरसी तथा एनपीआर के मुद्दे पर भारतीयों और दुनियाभर के लोगों के सवालों पर क्षतिपूर्ति की कोशिश कर रही है. मलिक ने कहा कि सामी का चयन सरकार द्वारा सामान्य तौर पर समाज के लिए पैदा की गयी समस्याओं को ढकने का प्रयास है.

कांग्रेस और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना पहले ही सामी को पद्मश्री दिये जाने के फैसले पर विरोध दर्ज करा चुके हैं. कांग्रेस प्रवक्ता शेरगिल ने सामी पर सीधे निशाना साधा और उन्हें अंकल जी कहा. उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे व्यक्ति से भारतीय संस्कृति पर भाषण नहीं सुनना, जिसने ट्विटर पर कुछ तालियां बटोरने के लिए अपने ही पिता से दूरी बना ली और उसे अस्वीकार कर दिया. शेरगिल ने सामी से कहा कि वह पिछले पांच साल में भारत के लिए दिए अपने पांच योगदानों के बारे में बताने का साहस करें. सामी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा, बच्चे, मेरे दिवंगत प्रतिष्ठित पिता के साथ मेरे पवित्र रिश्ते के बारे में बात करने की हिम्मत मत करना.

शेरगिल ने कहा कि उनकी सामी के पिता को बीच में लाने की शुरुआत में कोई मंशा नहीं थी लेकिन जब गायक ने उन्हें हे बच्चे कहा तो उन्होंने जैसे को तैसा करने का फैसला किया. उन्होंने कहा, ट्विटर पर बहस करना मेरा स्वभाव नहीं है लेकिन यदि कोई मुझ पर निजी हमला करता है, तो उसे उसी की भाषा में सबक सिखाना आवश्यक है. नागरिकता साबित करने के लिए भारतीय जवानों को पंक्तियों में खड़ा किया जाना और सीमा पार के लोगों को सम्मानित किया जाना उचित नहीं है, जय हिंद.