logo-image

गायत्री प्रजापति को जमानत देने वाले जज को हाई कोर्ट ने किया सस्पेंड, बलात्कार के आरोप में हिरासत में हैं सपा के पूर्व मंत्री

समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे और बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत देने वाले पास्को कोर्ट के जज ओमप्रकाश मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया है।

Updated on: 29 Apr 2017, 11:57 AM

highlights

  • हाईकोर्ट ने कहा जिन आधारों पर जमानत दी गई वह गलत हैं
  • 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे जज को किया सस्पेंड

नई दिल्ली:

समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे और बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत देने वाले पोस्को कोर्ट के जज ओमप्रकाश मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया है। कोर्ट ने मिश्रा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

खबरों के मुताबिक जस्टिस सुधीर अग्रवाल मिश्रा के खिलाफ जांच करेंगे। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने प्रजापति को मिली जमानत रद्द कर दी थी। मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है। मिश्रा 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं।

प्रजापति की जमानत पर विरोध जताते हुए हाई कोर्ट ने कहा जिन स्थितियों में जमानत दी गई, वह घोर आपत्तिजनक है। जज ओमप्रकाश मिश्रा ने जमानत देते हुए कहा था कि अभियुक्तों के साथ सहवास में महिला की सहमति थी। उन्होंने कहा कि अगर 3 साल से दुष्कर्म हो रहा था तो कहीं शिकायत क्यों नहीं की।

बता दें कि अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर 2014 में एक महिला से बलात्कार करने और उसकी बेटी से दुराचार की कोशिश के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। 17 फरवरी को हाई कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रजापति और 6 अन्य लोगों पर मुकदमा दायर किया गया था।

और पढ़ें: केजरीवाल पर बरसे कुमार विश्वास, कहा सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाना था गलत

पिछले महीने की 15 तारीख को पुलिस ने प्रजापति को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। प्रजापति को इस दौरान लखनऊ के अशियाना इलाके से गिरफ्तार किया गया था। प्रजापति ने गिरफ्तार होने के बाद कहा था कि अगर पुलिस सच्चाई सामने लाना चाहती है तो उनका और कथित पीड़िता मां-बेटी का नारको टेस्ट करवाया जाना चाहिए।

बता दें कि इसके पहले पूर्व मंत्री प्रजापति अवैध खनन के मामले में भी फंस चुके हैं। इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रजापति को पिछले साल सितंबर में मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था लेकिन सपा संस्थापक मुलायत सिंह यादव के कहने पर उन्हें दोबारा मंत्री बना दिया गया था।

और पढ़ें: ट्रेन में 2021 से खत्म हो जायेगा वेटिंग लिस्ट का चक्कर, मिलेगी कंफर्म सीट