आदित्य L-1 सूर्य पर क्या-क्या लगाएगा पता, ISRO के पूर्व वैज्ञानिक नारायण ने दी जानकारी
भारतीय अंतरिक्ष संगठन (इसरो) चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिग की सफलता के बाद आदित्य एल-1 मिशन लॉन्च करने जा रहा है. इस मिशन पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है. इस बीच इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नायारण ने कई जानकारियां दी हैं.
नई दिल्ली:
भारतीय अंतरिक्ष संगठन (इसरो) चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिग की सफलता के बाद आदित्य एल-1 मिशन लॉन्च करने जा रहा है. इस मिशन पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है. इस बीच इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नायारण ने कई खुलासे किए हैं. मीडिया से बातचीत करते हुए कहा यह एक अध्ययन प्रोजेक्ट हैं. यह एक अच्छा प्रोजेक्ट है. लंबे समय से अटका पड़ा था. वे 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर सूर्य का अध्यन करने जा रहे हैं. इससे साफ है कि इसरो सूर्य का गहराई से अध्ययन करेगा, इस दौरान सूर्य से जुड़ी अन्य जानकारियां भी हासिल होंगी, जिन्हें मानव प्रजातियां कई सदियों से जानना चाहता है. सूर्य का अध्ययन करने वाला यह पहला भारतीय मिशन होगा. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आदित्य एल-1 मिशन से अंतरिक्ष में मौसम की जानकारी, सूर्य के कोरोना की गर्मी, सौर तूफान व उत्सर्जन, एवं पराबैगनी किरणों की धरती पड़ पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा.
अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी भागीदारी पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने कहा कि यह एक अच्छी स्थिति है क्योंकि जब प्राइवेट कंपनी के आगे आने से फंडिंग की दिक्कत नहीं होगी. फंडिंग के लिए सरकार पर निर्भर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि करदाताओं से हमेशा के लिए टैक्स नहीं लिया जाना चाहिए, हमें विभिन्न एजेंसियों से पैसा इकट्ठा करना चाहिए जो इसमें अपना फायदा देखती हों.
#WATCH अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी भागीदारी पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने कहा, ''यह एक अच्छी स्थिति है क्योंकि जब निजी कंपनी सामने आएंगे तो उन्हें फंडिंग ढूंढनी होगी। आपको सरकार से फंडिंग नहीं लेनी पड़ेगी। मुझे लगता है कि करदाताओं से हमेशा के लिए टैक्स नहीं लिया जाना… pic.twitter.com/IVaGuSQPV4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 28, 2023
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पैसे की कमी के कारण प्रोजेक्ट रुका था
इससे पहले रविवार को इसरो के पूर्व साइंटिस्ट नंबी नारायण ने कहा है कि पहले की सरकारों को इसरो पर भरोसा नहीं था, जिसकी वजह से भारतीय स्पेस एजेंसी को पर्याप्त मात्रा में बजट नहीं मिलता था. उन्होंने आगे कहा कि ISRO- ACP के बीच समझौते को ही देखें, अगर हमारे पास पर्याप्त धन होता तो हमें कोलैबेरेशन करने की जरूरत ही नहीं होती. यह धन की कमी के कारण ही शुरू हुआ था. इस बात को बहुत से लोग नहीं जानते हैं. लेकिन कड़वी सच्चाई है कि पैसे की कमी के कारण ही इसकी शुरुआत हुई थी. हमारे प्रोजेक्ट पैसे की कमी के कारण ही आगे नहीं बढ़ सका. नंबी नारायण का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो को बीजेपी ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है. बीजेपी ने इस वीडियो को आधार बनाते हुए कांग्रेस को घेरा है.
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2 सितंबर को आदित्य एल-1 होगा लॉन्च
बता दें कि चंद्रयान-3 की सफलता से गदगद इसरो मिशन सन को फतह करने की तैयारी में है. 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा से सुबह 11:50 बजे देश की पहली अंतरिक्ष-आधआरित वेधशाला आदित्य एल-1 लॉन्च करेगा. आदित्य-एल1 को भारतीय रॉकेट पीएसएलवी-एक्सएल द्वारा ले जाया जाएगा. इसरो ने लाइव लॉन्चिंग के लिए लोगों को आमंत्रित किया. 29 अगस्त से इसरो की आधारिक वेबसाइट पर इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. इच्छुक लोग रजिस्ट्रेशन कराकर इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बन सकते हैं.
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