आदिपुरुष फिल्म को लेकर जारी विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने आदिपुरुष के खिलाफ हाथ मिला लिया है और फिल्म पर बैन लगाने के साथ ही इसके निर्माताओं से माफी मांगने की मांग की है।
दोनों पार्टियों ने फिल्म को उसके सस्ते और सतही डायलॉग्स के लिए फटकार लगाई है। दोनों दलों ने कहा है कि यह एक एजेंडा का हिस्सा था। सपा ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा पर भी हमला बोला।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सेंसर बोर्ड को अपने राजनीतिक आकाओं के पैसे से एजेंडे के साथ फिल्में बनाकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ करने वालों के राजनीतिक चरित्र प्रमाण पत्र की जांच करनी चाहिए।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट में सवाल किया क्या सेंसर बोर्ड धृतराष्ट्र हो गया है?
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने कहा कि भगवान राम के महान और प्रेरक चरित्र और उनकी कहानी को सिनेमा के माध्यम से सस्ते और सतही संवादों के माध्यम से कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि करोड़ों सनातनी श्रद्धालु आहत हुए हैं और इस कृत्य के लिए तथाकथित सनातनी भाजपा नेताओं को देश से माफी मांगनी चाहिए।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य, जिन्होंने इस साल की शुरूआत में रामचरितमानस (भगवान राम पर एक प्राचीन महाकाव्य) पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था, उन्होंने भी फिल्म को लेकर भाजपा पर हमला किया।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, मनोज मुंतशिर और ओम राउत द्वारा पात्रों को जिस तरह की भाषा दी गई है, वह अशोभनीय है। क्या उन्होंने सनातन धर्म का अपमान नहीं किया है? यदि हां, तो वे सभी कहां हैं, जिन्होंने मुझे सिर कलम करने की धमकी दी थी? सिर्फ इसलिए कि ये दोनों- मनोज मुंतशिर और ओम राउत- उच्च जाति के हैं?
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने मांग कर दी कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। रालोद प्रवक्ता ने कहा, फिल्म आदिपुरुष ने रामायण और सनातन धर्म की आस्था का मजाक उड़ाया है जो असहनीय है। फिल्म में अभद्र भाषा और ²श्यों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। हम फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध की मांग करते हैं और निर्माताओं को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
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Source : IANS