दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अमृता धवन ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के आजादी वाले बयान के खिलाफ दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
अमृता धवन ने सख्त रुख अपनाने हुए दिल्ली पुलिस कमिश्वर राकेश अस्थाना से इस मामले में कार्रवाई कि मांग की है। गौरतलब है कि कंगना रनौत लगातार पिछले कुछ समय से अपने बयानों के लिए विवादों में बनी हुई हैं।
इस बार भी वो भारत को आजादी भीख में मिलने संबंधी टिप्पणी के लिए चर्चा में हैं। पिछले दिनों सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल हुए 24 सेकेंड के एक वीडियो में एक्ट्रेस कंगना रनौत को ये कहते हुए सुना जा रहा है कि 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली।
फिलहाल कंगना के इसी बयान आजादी 2014 में मिली, 1947 में आजादी भीख में मिली थी को लेकर विरोधियों का कहना है कि यह महात्मा गांधी समेत तमाम स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है, जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राण गवाए।
अभिनेत्री कंगना इस बयान को लेकर लगातार विपक्षी दलों और विरोधियों के निशाने पर बनी हुई हैं। विपक्षी और विरोधी लगातार केंद्र में सत्तारुढ़ बीजेपी से कंगना रनौत से हाल ही में उनको मिले पद्मश्री सम्मान को वापस लेने और उन्हें इस बयान के लिए गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि अमृता धवन से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने भी अभिनेत्री कंगना की उनके बयान के लिए आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि कंगना का ये बयान न केवल महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है, बल्कि सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे वीर क्रांतिकारियों के भी बलिदान का अपमान है।
आनन्द शर्मा ने इस मामले में प्रधानमंत्री से उनकी सपष्टता की मांग करते हुए कहा, प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और देश को बताना चाहिए कि क्या वह कंगना रनौत की राय का समर्थन करते हैं। अगर नहीं करते हैं तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS