अभिनेता से डीएमडीके के नेता बने विजयकांत ने शनिवार को केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) एनएलसी इंडिया लिमिटेड द्वारा तमिलनाडु के कुड्डालोर में कृषि भूमि के अधिग्रहण पर अपना विरोध जताया।
देसिया मुरपोकू द्रविड़ कजगम (डीएमडीके) नेता ने मीडियाकर्मियों से कहा कि सत्तारूढ़ डीएमके को इस मुद्दे में तमाशबीन बनना बंद करना चाहिए और जल्द से जल्द हस्तक्षेप करना चाहिए।
उन्होंने एनएलसी इंडिया से उन ग्रामीणों को उचित मुआवजा प्रदान करने का आह्वान किया, जिनकी भूमि पीएसयू द्वारा अधिग्रहित की गई थी।
विजयकांत ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं लोगों के कल्याण के लिए हैं।
उन्होंने विरोध कर रहे ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस द्वारा बल प्रयोग की भी निंदा की, जिनकी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा था।
एनएलसी इंडिया अपने विस्तार के दूसरे दौर के लिए कुड्डालोर के ग्रामीणों से भूमि प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।
पुलिस ने रंगमथेवी, किलपाडी, कारिवेटी और अदनूर जैसे गांवों के प्रवेशद्वार पर भी बैरिकेड्स लगा दिए हैं, जहां जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।
एआईएडीएमके के अंतरिम महासचिव और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी भी जमीन अधिग्रहण के सख्त खिलाफ आ गए हैं।
शक्तिशाली वन्नियार समुदाय की पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन में सबसे आगे रही है।
पीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास ने भी अधिग्रहण का विरोध किया है।
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Source : IANS