logo-image

भीमा-कोरेगांव हिंसा: छिटपुट घटनाओं के बाद दलित संगठनों ने 'महाराष्ट्र बंद' लिया वापस, पटरी पर लौटा जनजीवन

महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में एक युवक की मौत के बाद दलित संगठनों ने बुलाए महाराष्ट्र बंद को अब वापस ले लिया है।

Updated on: 04 Jan 2018, 10:09 AM

highlights

  • दलित संगठनों ने महाराष्ट्र बंद को लिया वापस
  • भीमा-कोरेगांव हिंसा के बाद बीबीएम ने बुलाया था बंद

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में एक युवक की मौत के बाद दलित संगठनों ने बुलाए महाराष्ट्र बंद को अब वापस ले लिया है। मुंबई में जनजीवन पटरी पर लौट आया है। 

इसकी घोषणा सामाजिक कार्यकर्ता और बाबा साहेब अंबेडकर के पोते पकाश अंबेडकर ने की है।

इससे पहले बंद के दौरान बुधवार को हिंसा की छिटपुट घटनाएं, सड़क और रेल की नाकाबंदी, पथराव, जुलूस और विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान राज्य सरकार ने बंद के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे।

हालांकि इस हिंसा पर मुंबई से लेकर दिल्ली तक में राजनीति भी तेज हो गई। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में भीमा-कोरेगांव का मुद्दा उठा जिसके बाद भारी हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़ेगे ने कहा कि हिंसा के पीछे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का हाथ है।

महाराष्ट्र में हुई घटना को लेकर केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, वहां जो घटनाएं हुई उससे शर्मिंदा हूं, आज का दलित झुकने को तैयार नहीं है।

बंद के दौरान महाराष्ट्र के पालघर के ठाणे और विरार स्टेशनों पर रेल सेवा रोकने की कोशिश में दलित कार्यकर्ताओं के समूह नारेबाजी करते और झंडे लहराते हुए रेलवे ट्रैक पर कूद गए, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक लिया।

दहिसर चेकपोस्ट पर भीड़ उमड़ी और नाकाबंदी कर दी, जिससें गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई। मुंबई में जोगेश्वरी, पवई और अंधेरी ईस्ट के हिस्सों में वाहनों पर पथराव हुआ।

इस हिंसा के मामले में अब तक 150 प्रदर्शनकारियों को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया। वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर कई जगहों पर जाम जैसी स्थिति बन गई। देवीपड़ा, ठाकुर कॉलेक्स, आकुर्ली रोड, मलाड, गोरेगांव, खेरवाड़ी और बान्द्रा में लोगों को भारी जाम का सामना करना पड़ा।

और पढ़ें: महाराष्ट्र हिंसा पर RSS के बोल- नफरत फैलाने की है साजिश

विरार रेलवे स्टेशन पर एक लोकल को रोका गया, RPF और जीआरपी ने ट्रैक खाली करवाया। बंद के समर्थन में मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन ने भी काम बंद रखा।

राज्य में ऐहतियातन कई निजी स्कूल बंद कर दिये गए थे। स्कूल बस एसोसिएशन ने भी बुधवार को सुरक्षा कारणों से बंद रखने का फैसला किया है।

आपको बता दें कि एक जनवरी को पुणे के कोरगांव-भीमा में दलितों द्वारा आयोजित समारोह के दौरान कुछ दक्षिणपंथी संगठन के सदस्यों ने उनपर हमला किया था। हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी।

और पढ़ें: केजरीवाल ने बुलाई आप PAC की बैठक, कुमार विश्वास को न्योता नहीं